सोनिया गांधी का सवाल – ईरान पर चुप क्यों है सरकार?

सोनिया गांधी : कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस्राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव पर मोदी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ईरान भारत का पुराना दोस्त है और दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्ते हैं। वहीं, भारत और इस्राइल के बीच भी हाल के वर्षों में रणनीतिक संबंध मजबूत हुए हैं। ऐसे में भारत की नैतिक और कूटनीतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह शांति के लिए प्रयास करे। सोनिया गांधी ने गाजा और ईरान में हो रही हिंसा पर चिंता जताई और कहा कि भारत को इस पर स्पष्ट और मजबूत प्रतिक्रिया देनी चाहिए। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह स्वतंत्र फलस्तीन की परिकल्पना से पीछे हट रही है। सोनिया ने इस्राइल के ईरान पर हमले को अवैध और शांति के लिए खतरा बताया। उन्होंने नेतन्याहू पर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस की ओर से इन हमलों की निंदा की।

ट्रंप के व्यवहार से मायूसी, आलोचना तेज

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने खुद कई बार यह माना है कि इराक पर झूठे आरोप लगाकर युद्ध शुरू किया गया था, जिससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता फैल गई और इराक बर्बाद हो गया। इसके बावजूद ट्रंप अब पश्चिम एशिया में फिर से तनाव बढ़ाने वाले कदम उठा रहे हैं। सोनिया ने कहा कि 17 जून को ट्रंप का अपनी ही खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट को नजरअंदाज कर यह कहना कि ईरान परमाणु हथियार के बहुत पास है, बेहद निराशाजनक और खतरनाक संकेत है।

कश्मीर पर ईरान ने दिखाई थी भारत के प्रति सहमति

सोनिया गांधी ने कहा कि ईरान भारत का पुराना और भरोसेमंद मित्र रहा है। दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्ते हैं। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर जैसे अहम मुद्दों पर भी ईरान ने भारत का समर्थन किया है। 1994 में संयुक्त राष्ट्र में जब भारत की आलोचना का प्रस्ताव लाया गया था, तब ईरान ने उसे रोकने में मदद की थी।