मध्यप्रदेश की राजनीति और विकास यात्रा के लिहाज से मंगलवार, 21 मई 2025 का दिन ऐतिहासिक बन गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में इंदौर के ऐतिहासिक राजवाड़ा में राज्य मंत्रिपरिषद की विशेष बैठक का आयोजन किया गया। यह पहली बार है जब किसी लोकतांत्रिक सरकार की कैबिनेट बैठक इस ऐतिहासिक धरोहर में आयोजित हो रही है। इस बैठक का उद्देश्य प्रदेश को ‘विकसित मध्यप्रदेश’ के लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर करना है। बैठक में कई महत्त्वपूर्ण योजनाओं और नीतिगत निर्णयों पर चर्चा की जा रही है, जो प्रदेश के भविष्य को आकार देंगे।
मुख्यमंत्री मोहन यादव पहुंचे इंदौर के प्राणी संग्रहालय
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंगलवार को इंदौर के प्राणी संग्रहालय (चिड़ियाघर) पहुंचे। इस दौरान उन्होंने संग्रहालय में मौजूद वन्य प्राणियों की विविधता और संरक्षण संबंधी व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री के आगमन पर वन विभाग के अधिकारियों ने उन्हें संग्रहालय की विभिन्न परियोजनाओं और योजनाओं की जानकारी दी।
प्राणी संग्रहालय को मिली किंग कोबरा की सौगात
मुख्यमंत्री की इस विशेष यात्रा के दौरान प्राणी संग्रहालय को एक अनोखी सौगात भी मिली—किंग कोबरा। यह दुर्लभ और विषैला सर्प अब संग्रहालय की नई पहचान बनेगा। संग्रहालय में आने वाले दर्शकों को अब किंग कोबरा को देखने का अवसर मिलेगा, जिससे लोगों में सांपों के प्रति जागरूकता और समझ भी बढ़ेगी।
सीएम ने स्नेक हाउस और बर्ड हाउस का किया दौरा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संग्रहालय में स्थित स्नेक हाउस और बर्ड हाउस का भी निरीक्षण किया। उन्होंने यहां रखे गए सर्पों और पक्षियों की प्रजातियों को देखा और उनके संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन हिस्सों में और सुधार कर आमजन के लिए अधिक रोचक और शैक्षणिक बनाया जाए।
वन्य प्राणियों की प्रजातियों को बढ़ाने के प्रयासों की सराहना
मुख्यमंत्री ने वन्य प्राणियों के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करते हुए कहा कि वन्य जीवन केवल पर्यावरण संतुलन के लिए ही नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और जैविक विरासत का भी हिस्सा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा इन प्रजातियों को संरक्षित करने और बढ़ाने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को भी इनका अनुभव हो सके।
लॉयन और टाइगर को अगली बार देखने की इच्छा जताई
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हंसते हुए कहा कि व्यस्त कार्यक्रम के चलते वे पूरा संग्रहालय नहीं घूम पाए हैं, लेकिन अगली बार जब भी अवसर मिलेगा, वे संग्रहालय के शेर (लॉयन) और बाघ (टाइगर) को जरूर देखने आएंगे। उन्होंने आम लोगों से भी अपील की कि वे अपने बच्चों को ऐसी जगहों पर लाकर प्रकृति और वन्य जीवन से जोड़ें।
‘विजन-2047’ पर होगी गहन चर्चा
राजवाड़ा में हो रही यह बैठक केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि दूरदर्शी भी है। इसमें ‘विजन-2047’ के तहत राज्य की दीर्घकालिक रणनीतियों पर मंथन किया जा रहा है। इस विजन का उद्देश्य भारत की आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होने तक मध्यप्रदेश को एक आत्मनिर्भर, आधुनिक, समावेशी और समृद्ध राज्य के रूप में विकसित करना है। बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे, औद्योगिक विकास, कृषि, पर्यटन और डिजिटलीकरण जैसे क्षेत्रों पर विशेष फोकस किया गया है।
चिड़ियाघर का दौरा कर विकास कार्यों का निरीक्षण
राजवाड़ा की बैठक से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर चिड़ियाघर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वहां चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं की समीक्षा की। सीएम ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता बनाए रखने में चिड़ियाघर जैसे संस्थानों की अहम भूमिका होती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चिड़ियाघर में बच्चों और परिवारों के लिए और भी सुविधाएं बढ़ाई जाएं।
मुख्यमंत्री ने पक्षियों को खिलाया दाना
चिड़ियाघर के दौरे के दौरान एक आत्मीय क्षण तब देखने को मिला जब मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने हाथों से पक्षियों को दाना खिलाया। यह दृश्य उपस्थित लोगों के लिए भावुक और प्रेरणादायक रहा। मुख्यमंत्री ने यह संदेश दिया कि विकास केवल इमारतों और सड़कों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि प्रकृति और जीवों के संरक्षण में भी सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण है।