केयर सीएचएल अस्पताल ने विश्व अंगदान दिवस के उपलक्ष्य में हाल ही में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें अंग प्रत्यारोपण के माध्यम से नया जीवन पाने वाले मरीजों और उनके परिजनों का सम्मान किया गया। इस पहल का उद्देश्य अंगदान की महत्ता को रेखांकित करना और समाज को इस दिशा में प्रेरित करना था।
इस अवसर पर 40 वर्षीय अजय पाल को उनके 69 वर्षीय पिता रामबहादुर पाल द्वारा किडनी दान किए जाने की प्रेरणादायक गाथा सुनाई गई। भावुक अजय पाल ने कहा: “मेरे पिता ने मुझे जीवन दोबारा दिया। किडनी ट्रांसप्लांट का सफर आसान नहीं था, लेकिन केयर सीएचएल अस्पताल की डॉक्टरों और पूरी टीम ने हमें जिस तरह सहारा दिया, वह काबिले-तारीफ है। यहां का माहौल और देखभाल परिवार जैसा महसूस हुआ।”
इसी तरह, 54 वर्षीय साधना खरे को अमेरिका में रहने वाली उनकी पुत्री नेहा खरे (35 वर्ष) ने इंदौर आकर अपना लिवर दान किया। अपनी भावनाएँ साझा करते हुए साधना खरे ने कहा: “जब मुझे लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत थी तो डर बहुत था, लेकिन केयर सीएचएल के डॉक्टर्स ने पूरे विश्वास और आत्मीयता के साथ हमें संभाला। मेरी बेटी ने मेरा जीवन बचाया और अस्पताल की टीम ने उसे सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। यहां की देखभाल और तकनीक ने हमें सुरक्षित और आत्मविश्वास से भर दिया।”
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केयर सीएचएल अस्पताल के सीओओ श्री मनीष गुप्ता ने कहा: “अंगदान केवल जीवन बचाने का माध्यम ही नहीं, बल्कि यह मानवता और निस्वार्थ प्रेम का सबसे बड़ा प्रतीक है। अजय पाल और साधना खरे जैसे उदाहरण समाज के लिए प्रेरणा हैं। केयर सीएचएल अस्पताल हमेशा से इस दिशा में जागरूकता फैलाने और जरूरतमंद मरीजों तक बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध रहा है।”
कार्यक्रम के समापन पर अंगदानकर्ताओं और रिसीवर्स को सम्मानित किया गया और उनकी कहानियों को समाज के लिए मिसाल के रूप में प्रस्तुत किया गया।