विशेष नवरात्रि महोत्सव – आर्ट ऑफ लिविंग का मातृशक्ति के सम्मान में साधना, सेवा और संस्कृति का अद्भुत संगम

भारतीय संस्कृति की शक्ति, साधना ,उत्सव का नारी सम्मान प्रतीक अदभुत परंपरा को जीवंत करते हुए आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी विशेष नवरात्रि महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें मातृ शक्ति सम्मान कन्या पूजन के साथ वृहद स्तर आयोजन किए जा रहै है।

स्वामी प्रबुद्धानंद जी का मिलेगा मार्गदर्शन
बेंगलुरु आश्रम से पधारे गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी के निकटतम शिष्य, संत एवं साधक स्वामी प्रबुद्धानंद जी की पावन उपस्थिति में आयोजन ओमनी रेसीडेंसी, बॉम्बे हॉस्पिटल के पास होगा। गुरुदेव की  दिव्य प्रेरणा से यह आयोजन केवल धार्मिक अनुष्ठानों का मंच न रहकर साधना, सेवा और संस्कृति का अद्भुत संगम बनेगा।

पंडितों के सानिध्य में होगे अनुष्ठान
वैदिक अनुष्ठान से होने वाले सभी होम वैदिक धर्म संस्थान, बेंगलुरु आश्रम से पधारे वैदिक पंडितों द्वारा सम्पन्न किए जाएंगे, जिससे परंपरागत वैदिक ऊर्जा और पवित्रता पूरे उत्सव में प्रवाहित होगी।

इस के अनुसार होंगे आयोजन
यहां पर 28 सितम्बर (सुबह 8:30 – 12:30 बजे तक)

– गणपति होम – विघ्नों का नाश एवं मंगल कार्य के प्रारंभ हेतु

– वास्तु होम – जीवन और स्थान में संतुलन एवं सकारात्मकता हेतु

– सुब्रमण्य होम – स्वास्थ्य, साहस व ऊर्जा के लिए

– नवग्रह होम – ग्रहों के अनुकूल प्रभाव हेतु होंगे इसके बाद इस अवसर पर 550 महिला सफाई कर्मचारियों का सम्मान किया जाएगा।

यहीं (शाम 4:30 – 6:30 बजे तक)

– महालक्ष्मी होम – समृद्धि एवं सौभाग्य की प्राप्ति हेतु

– सुदर्शन होम – शांति, सुरक्षा और नकारात्मक ऊर्जा के निवारण हेतु

– गरबा संध्या – अंतर्राष्ट्रीय गायक जगती धनक के साथ सांस्कृतिक उत्सव के साथ ही  इंदौर के 51 प्रख्यात मूर्तिकारों का सम्मान किया जाएगा।

 

29 सितम्बर को  (सुबह 8:30 – 12:30 बजे तक)
रुद्रपूजा एवं रुद्रहोम – जीवन में शांति, आरोग्यता और शक्तिप्रवाह होगा इसके बाद 51 नर्सों का सम्मान किया जाएगा। शाम को विशेष सांस्कृतिक संध्या – भक्ति संगीत और नृत्य प्रस्तुतियों दी जाएंगी।  30 सितम्बर (सुबह 7:30 बजे से आगे)  को नवचंडी होम – देवी शक्तियों के आह्वान एवं विश्व शांति के लिए भव्य आयोजन। के साथ ही श्री श्री ज्ञान मंदिर की २०१ कन्याओंका भोज कराया जाएगा।

उत्सव की यह है विशेषताएँ
नवरात्रि महोत्सव का आयोजन केवल धार्मिक साधना तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के योगदान को सम्मानित करके सेवा और कृतज्ञता का संदेश भी देगा। इसके साथ ही वैदिक मंत्रोच्चारण, आध्यात्मिक साधना, सामूहिक पूजा और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ इंदौरवासियों को गहन आध्यात्मिक ऊर्जा और उल्लास का अनुभव कराएँगी। यह आयोजन सभी नागरिकों के लिए निःशुल्क और सार्वजनिक है।