लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता और भविष्य के प्रति साझा उत्तरदायित्व के संकल्प का परिचायक है विशेष सत्र : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मध्यप्रदेश विधानसभा की 70 वर्ष की गौरवशाली यात्रा पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित एक दिवसीय विशेष सत्र को प्रदेश के लोकतांत्रिक इतिहास का महत्वपूर्ण पड़ाव बताया गया। इस अवसर पर कहा गया कि यह सत्र केवल औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता और भविष्य के प्रति साझा उत्तरदायित्व के संकल्प को दोहराने का अवसर है। विधानसभा को सत्ता का नहीं, बल्कि जनता के विश्वास का मंदिर बताया गया, जिसने सात दशकों से लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती दी है।

आत्मनिर्भर और विकसित प्रदेश बनाने का संकल्प

विशेष सत्र में मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर, विकसित और समृद्ध राज्य बनाने के संकल्प पर विस्तृत चर्चा का प्रस्ताव रखा गया। कहा गया कि यह सत्र लोककल्याणकारी राज्य की अवधारणा को और मजबूत करने वाला है। प्रदेश को सांस्कृतिक रूप से गौरवशाली, आर्थिक रूप से सशक्त और सामाजिक रूप से समृद्ध बनाने के लक्ष्य को दोहराया गया।

दो वर्षों में लिए गए फैसले बनेंगे मील का पत्थर

पिछले दो वर्षों में सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों को दूरगामी और परिवर्तनकारी बताया गया। कहा गया कि इन फैसलों का प्रभाव आने वाले समय में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा और यह आमजन के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बनेंगे। जनता के कष्ट कम करना और उनके जीवन में खुशहाली लाना सरकार की प्राथमिकता रही है।

बीमारू राज्य से विकासशील प्रदेश तक का सफर

मध्यप्रदेश की पहचान लंबे समय तक बीमारू राज्य के रूप में रही, लेकिन बीते वर्षों में यह छवि बदली है। सरकारों के प्रयासों से प्रदेश को विकासशील और संभावनाओं से भरपूर राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में अहम कदम उठाए गए हैं। पिछले दो वर्षों में विकास के हर क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज की गई हैं और भरोसा जताया गया कि प्रदेश जल्द ही विकसित राज्यों की अग्रिम पंक्ति में शामिल होगा।

हरियाली, उद्योग और रोजगार से समृद्ध भविष्य की कल्पना

भविष्य की परिकल्पना रखते हुए कहा गया कि ऐसा प्रदेश बनाया जाएगा जहां हर ओर हरियाली होगी, उद्योग-धंधों का विस्तार होगा, बेरोजगारी और गरीबी समाप्त होंगी और हर नागरिक सुखी व संपन्न जीवन जी सकेगा। यह संकल्प इसलिए पूरा होगा क्योंकि नेतृत्व, नीति और नियत सभी स्पष्ट हैं।

नक्सलवाद, आतंकवाद और अवैध नेटवर्क पर सख्त प्रहार

सुरक्षा के मोर्चे पर मिली उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया गया कि नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही आतंकवाद, उग्रवाद, टेरर फंडिंग, अवैध हथियार और नशे के नेटवर्क पर भी कड़ी कार्रवाई की गई। हजारों संदिग्ध खातों की जांच में बड़े पैमाने पर अवैध लेनदेन का खुलासा हुआ और अवैध हथियार फैक्ट्रियों को ध्वस्त किया गया।

शहरी विकास और मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों की योजना

प्रदेश में सुव्यवस्थित शहरीकरण को गति देने के लिए दो मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों के विकास की योजना बनाई गई है। प्रारंभिक रूप से इंदौर और भोपाल को प्राथमिकता दी गई है, जबकि आगामी वर्षों में ग्वालियर और जबलपुर को भी मेट्रोपॉलिटन सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। मालवा, चंबल, मध्यभारत और महाकौशल क्षेत्रों के संतुलित विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

ग्राम विकास और आत्मनिर्भर गांवों पर जोर

ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि और आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं। हर ग्राम पंचायत में किसान समृद्धि केंद्र स्थापित करने और प्रत्येक विकासखंड में एक गांव को वृंदावन ग्राम के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है।

शिक्षा सुधार में नई पहल

शिक्षा को जीवन की आधारशिला बताते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू करने की बात कही गई। प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए संदीपनि स्कूल, मॉडल स्कूल और व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। डिजिटल अटेंडेंस, रोबोटिक लैब और निजी स्कूलों के छात्रों की फीस सहायता जैसे कदम उठाए गए हैं। साथ ही विश्वविद्यालयों में कुलपति के स्थान पर कुलगुरु जैसे भारतीय संबोधन को अपनाने की पहल भी की गई है।

स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार

स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान योजना के माध्यम से जरूरतमंदों को इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश में नई मेडिसिटी, मेडिकल कॉलेज, एंबुलेंस सेवाएं और आरोग्य केंद्र शुरू किए गए हैं। जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारियों से निपटने के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

महिला सशक्तिकरण और सामाजिक योजनाएं

महिला सशक्तिकरण की दिशा में योजनाओं की राशि बढ़ाई गई है, जिससे यह सम्मान और आत्मनिर्भरता का माध्यम बनी हैं। स्वच्छता और स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं के तहत लाखों बालिकाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।

उद्योग, ऊर्जा और रोजगार पर फोकस

उद्योग और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए विशेष वर्ष घोषित किए गए हैं। टेक्सटाइल, नवीकरणीय ऊर्जा और औद्योगिक निवेश से लाखों लोगों को रोजगार मिलने की संभावना जताई गई है। जल संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए अंतर्राज्यीय परियोजनाओं पर भी काम शुरू किया गया है।

संस्कृति और विकास का संतुलन

विकास के साथ सांस्कृतिक विरासत को भी समान महत्व देने की बात कही गई। धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण, सांस्कृतिक परियोजनाओं और पर्यटन विकास से प्रदेश की पहचान को और मजबूत किया गया है। पर्यटन क्षेत्र में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटकों के आगमन को प्रदेश की बड़ी उपलब्धि बताया गया।

भविष्य के लिए साझा प्रयास का आह्वान

अंत में कहा गया कि प्रदेश और प्रदेशवासियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए यह विशेष सत्र आयोजित किया गया है। सरकार द्वारा किए गए नवाचार और योजनाएं तभी सफल होंगी, जब समाज के सभी वर्ग मिलकर सहयोग करेंगे। मध्यप्रदेश को देश के सामने एक आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करने का संकल्प दोहराया गया।