प्रदेश में इस वर्ष अतिवृष्टि, बाढ़ और कीट प्रकोप के कारण किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। इसके साथ ही बारिश से हुई जनहानि, पशुहानि और मकान क्षति ने किसानों के जीवन को और कठिन बना दिया। ऐसे संकटपूर्ण हालात में, राज्य सरकार ने किसानों को राहत देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि सरकार ने किसानों के लिए त्वरित और प्रभावी मदद प्रदान की है।
किसानों को 1802 करोड़ रुपये की राहत राशि
मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि, बाढ़ और कीट प्रकोप से प्रभावित प्रदेश के 23 लाख 81 हजार से अधिक किसानों को अब तक लगभग 1802 करोड़ रुपये की राहत राशि वितरित की जा चुकी है। यह राशि आरबीसी 6(4) के तहत दी गई है, जिससे किसानों को पुनः अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद मिली है।
हर जरूरतमंद किसान को मदद
डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कभी भी किसानों की मदद में कोई कमी नहीं रखी। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1590.74 करोड़ रुपये, 2022-23 में 726.15 करोड़ रुपये और 2023-24 में 758.62 करोड़ रुपये की राहत राशि किसानों को दी गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का खजाना अन्नदाता किसानों के लिए हमेशा खुला रहेगा।
किसानों के लिए हर संभव कदम उठाए गए
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि फसल की हानि, प्राकृतिक आपदाएं, या कीट व्याधि—किसान हर परिस्थिति में जोखिम उठाते हैं। अगर फसल बर्बाद हो जाती है, तो पूरे परिवार की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार किसी भी कठिनाई में किसानों को अकेला नहीं छोड़ेगी।
किसानों के लिए सरकार के कदम
डॉ. यादव ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे कि पर्याप्त सिंचाई के लिए पानी, नियमित बिजली आपूर्ति, शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण, फसलों के लिए समर्थन मूल्य और फसल बीमा की राशि का समय पर वितरण। इन कदमों से किसानों को एक नई उम्मीद और आत्मविश्वास मिला है।
मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि “किसानों का दुख, पूरे प्रदेश का दुख है और उनके सुख से ही प्रदेश का सुख है।” उन्होंने दोहराया कि उनकी सरकार किसानों की समस्याओं में हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी और उनकी मदद करने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।