गोविंद गौड़े : गोवा के पूर्व कला और संस्कृति मंत्री गोविंद गौड़े ने रविवार को कहा कि वे न तो विधायक पद छोड़ेंगे और न ही बीजेपी से बाहर जाएंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें मंत्री पद से हटाया गया है, लेकिन वे आदिवासी समुदाय के अधिकारों की लड़ाई जारी रखेंगे। ये बातें उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र प्रियोल के मार्सेल गांव में एक जनसभा के दौरान कहीं। बुधवार को मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने उन्हें मंत्री पद से हटा दिया था। इससे पहले गौड़े ने आदिवासी कल्याण विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जो खुद मुख्यमंत्री के अधीन है। गौड़े ने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल में उन्हें बीजेपी के शीर्ष नेताओं, खासकर जेपी नड्डा से मिलने नहीं दिया गया। अब उन्हें समझ आ गया है कि ऐसा क्यों किया गया।
गोविंद गौड़े का बड़ा कदम, मुख्यमंत्री के खिलाफ PM और राष्ट्रपति को लिखा पत्र
पूर्व मंत्री गौड़े ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने खुद उन्हें फोन कर इस्तीफा देने को कहा था और यह फैसला जेपी नड्डा के दबाव में लिया गया। लेकिन मीडिया से बात करते हुए सावंत ने इसे अपना निजी फैसला बताया, जिसे गौड़े ने गलत बताया। उन्होंने कहा कि मामला किसी व्यक्ति की आलोचना का नहीं, बल्कि आदिवासियों के अधिकारों से जुड़ा है। गौड़े ने प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति मुर्मू और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र भेजकर गोवा में हो रही घटनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वे मोदी के विकसित भारत 2047 के सपने का हिस्सा बने रहेंगे।
गौड़े का ऐलान – भाजपा में रहकर ही लड़ेंगे अपनी लड़ाई
गौड़े ने कहा कि गोवा के आदिवासी 60 साल से इंसाफ का इंतजार कर रहे हैं और उनकी मांगों पर गंभीर चर्चा जरूरी है। उन्होंने साफ किया कि उनका मकसद सरकार की नीतियों पर सवाल उठाना है, न कि पार्टी को बदनाम करना। उन्होंने अपना भाषण दिल्ली में पार्टी नेताओं को भेजा है ताकि कोई गलतफहमी न हो। वे पार्टी में रहकर ही अपनी बात आगे बढ़ाना चाहते हैं।