प्रदेश का पहला कन्या माध्यमिक विद्यालय जिसे मिला गुणवत्ता का iso प्रमाणपत्र

मोहन योगी/ओबेदुल्लागंज -iso वैसे तो गुणवत्ता का प्रमाणीकरण हम वस्तुओं, उत्पादन, सेवा इत्यादि के क्षेत्र में देखते ही आए हैं जहां उत्कृष्ट तकनीकी, गुणवत्तापूर्ण प्रक्रिया आदि को आधार मान कर मानक प्रमाण पत्र प्रमाणीकरण जारी किया जाता है लेकिन इसी प्रक्रिया को यदि शिक्षा के क्षेत्र में व्यवहार में लाया जाए तो देश की शिक्षा व्यवस्था में बड़े पैमाने पर गुणात्मक विकास किया जा सकता है। ऐसा ही उदाहरण मध्यप्रदेश के जिला रायसेन में तहसील मुख्यालय गोहरगंज की शासकीय कन्या माध्यमिक शाला ने प्रस्तुत किया है। जहां व्यवस्थित शिक्षा, अनुशासित शिक्षण और गुणवत्ता पूर्ण व्यवस्थाओं को आधार बना कर देश की मानकीकरण संस्था आई एस ओ ने गुणवत्ता का प्रमाण पत्र जारी किया है। अभी तक यह प्रमाण पत्र शिक्षा के क्षेत्र में केवल हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्तर पर ही दिया जाता था किंतु गौहरगंज का यह एकीकृत कन्या माध्यमिक स्कूल प्रदेश का पहला ऐसा स्कूल है, जिसे यह iso उपलब्धि प्राप्त हुई है। जिले में आयोजित 26 जनवरी गणतंत्र दिवस समारोह में चिकित्सा मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी ने शाला के स्टाफ को iso प्रमाणपत्र सौंपा।

इस मानक प्रमाणपत्र को प्राप्त करने के लिए शाला के शिक्षक सुनील वर्मा प्रधानाध्यापक अखिलेश मिश्रा एवम पूरे स्टाफ ने लगन और निष्ठा से मेहनत की है। सुनील वर्मा बताते हैं कि उन्होंने सबसे पहले व्यवस्थाओं जैसे फर्नीचर, खेल मैदान तथा प्रसाधन आदि को सुव्यवस्थित किया जिस में उन्होंने बिना किसी फंड का इंतजार किए स्वयं आपस में चंदा कर के व्यवस्थाएं कीं। इसके बाद स्थानीय विधायक सुरेंद्र पटवा द्वारा स्वीकृत 5 लाख रुपए की सहायता के साथ शाला में गुणात्मक सुधार प्रारंभ किए, जिसका मार्गदर्शन उन्हें आईएसओ प्रतिनिधि भूपेंद्र द्विवेदी से प्राप्त हुआ। गुणात्मक सुधार जैसे पेयजल की सुचारू व्यवस्था, पौधा रोपण और सिंचाई हेतु dip सिस्टम, प्राथना और संबोधन हेतु साउंड सिस्टम, पानी निकास हेतु अंडरग्राउंड सीवेज सिस्टम, टैगिंग तथा सभी शिक्षकों एवं छात्राओं का ड्रेस कोड इत्यादि का नियमित पालन प्रारंभ किया। सभी मानकों के नियमित होने पर आईएसओ की टीम ने परीक्षण कर उन्हे यह प्रमाणपत्र जारी किया।

प्रधानाध्यापक अखिलेश मिश्रा के अनुसार पूरी प्रक्रिया के दौरान उन्होंने स्थानीय नागरिकों, अभिवावकों और अपने स्टाफ का पूरा सहयोग लेने का प्रयास किया और वो सफल भी रहे, जिसका परिणाम इस प्रमाणपत्र के रूप में प्राप्त हुआ है। वे कहते हैं छोटे छोटे गुणात्मक सुधार शिक्षा और शिक्षण के क्षेत्र में बड़े परिवर्तन ला सकते है और सरकारी शिक्षा के स्तर को निजी संस्थानों से कहीं बेहतर ऊंचाई प्रदान कर सकते हैं।