ममता बनर्जी: तृणमूल कांग्रेस ने तय किया है कि 21 जुलाई को होने वाली शहीद दिवस रैली के सभी पोस्टरों पर सिर्फ पार्टी की प्रमुख ममता बनर्जी की तस्वीर होगी। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि वह 1993 के आंदोलन का हिस्सा नहीं थे, इसलिए वह खुद को इस रैली से दूर रखेंगे और पोस्टरों में अपनी फोटो नहीं चाहते। उनके इस फैसले से राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई है कि पार्टी में अंदरूनी मतभेद हो सकते हैं। टीएमसी के वरिष्ठ नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि यह फैसला अभिषेक बनर्जी का निजी निर्णय है। इससे पहले भी टीएमसी में पोस्टर और फोटो को लेकर विवाद हो चुके हैं।
रैली में अभिषेक की तस्वीर न पर भी चर्चाएं
नवंबर 2023 में नेताजी इंडोर स्टेडियम की रैली में भी पोस्टरों पर सिर्फ ममता बनर्जी की तस्वीर थी। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने तब अभिषेक की फोटो न होने पर सवाल उठाए थे। साल की शुरुआत में टीएमसी कैलेंडर में दोनों की तस्वीरें थीं, लेकिन बाद में अभिषेक की फोटो हटाई जाने लगी।
21 जुलाई की रैली बनेगी यादगार : बंद्योपाध्याय
टीएमसी सांसद बंद्योपाध्याय ने कहा कि 21 जुलाई की रैली इस बार बहुत खास होगी और इसमें भारी भीड़ जुटेगी। पार्टी नेताओं को हर जिले से ज्यादा से ज्यादा लोग लाने को कहा गया है। 1993 में ममता बनर्जी ने वोटर ID की मांग को लेकर मार्च किया था, तब पुलिस फायरिंग में 13 लोग मारे गए थे। तभी से हर साल शहीद दिवस मनाया जाता है।
रैली की तैयारियों के साथ बढ़ी सियासी तकरार
शनिवार को रैली की तैयारियों के दौरान बीरभूम जिले में पार्टी के दो प्रमुख नेताओं अनुब्रत मंडल और काजल शेख को आपसी मतभेदों को सुलझाने के लिए शीर्ष नेतृत्व ने बैठक में बुलाया। दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से क्षेत्रीय गुटबाजी चल रही है। पार्टी ने उन्हें साथ मिलकर काम करने और आंतरिक विवादों को सार्वजनिक न करने की सलाह दी। सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले संगठनात्मक एकता और सामंजस्य बढ़ाने के मकसद से की गई थी।