कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने मांगी माफी- चित्रगुप्त-यमराज पर विवादित टिप्पणी पर कायस्थ समाज था नाराज

शिवमहापुराण कथा से देश भर में प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने एक बार फिर अपनी विवादित टिप्पणी पर माफी मांग कर विवाद को तुल पकड़ने से पहले ही खत्म कर दिया है। खैर इसतरह के मामलें कई बार प्रकाश में आ चुके है। लेकिन यहां एक बात यह भी सामने आती है कि उनकी कथा के दौरान जो भी कहा जाता है। उसका अर्थ क्या निकालता है यह तो कोई समझता नहीं लेकिन कथा के हिस्से से कुछ शब्द लेकर उस पर विरोध कर दिया जाता है। विरोध करने की जो प्रवृत्ति बार- बार सामने आ रही है। वह किसी सोची-समझी विरोधी ताकतों की साजिश भी नजर आती है।

भगवान चित्रगुप्त और यमराज पर की थी टिप्पणी
महाराष्ट्र के बीड़ में शिवपुराण कथा के दौरान भगवान चित्रगुप्त और यमराज पर की गई टिप्पणी को लेकर कायस्थ समाज ने तीखी आपत्ति जताई। मामले ने इतना तूल पकड़ा कि अंततः प्रदीप मिश्रा ने सीहोर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली।

यह था विवाद
महाराष्ट्र के बीड़ में शिवपुराण कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने यमराज और चित्रगुप्त के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। वीडियो में वे कहते सुने जा सकते हैं- ‘यमराज ने कहा किस को भेजूं, अगला संदेश चित्रगुप्त को भेजा, जाओ…तो कहा इस मुच्छंदर के साथ नहीं जाऊंगा…ऐ चित्रगुप्त फालतू की बात करना मति, सबका हिसाब रखना मेरे हिसाब मत रखना…’ इस टिप्पणी को कायस्थ समाज ने अपना और अपने आराध्य का अपमान माना था।

कायस्थ समाज ने दी थी चेतावनी
विदिशा, उज्जैन और अन्य स्थानों पर कायस्थ समाज के लोगों ने विरोध करते हुए प्रशासन को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही समाज ने 10 दिन के भीतर सार्वजनिक माफी की मांग की और कहा यदि ऐसा नहीं हुआ तो प्रदेशव्यापी आंदोलन होगा। यहीं चित्रगुप्त पीठ के पीठाधीश्वर  डॉ. स्वामी सच्चिदानंद ने तीखा बयान देते हुए कहा कि “यदि माफी नहीं मांगी गई तो कानूनी कार्रवाई करूंगा

सीहोर में मांगी माफी
कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने प्रेस वार्ता में कहा कि “हमारी बात किसी समाज या व्यक्ति विशेष के लिए नहीं थी। शिवमहापुराण के प्रसंग में यमराज, चित्रगुप्त और शिव भक्ति का प्रसंग चल रहा था। यदि किसी को हमारी वाणी से ठेस पहुंची हो तो मैं क्षमा चाहता हूं।”