आधार कार्ड को देश की सबसे बड़ी पहचान प्रणाली माना जाता है, लेकिन जब यही पहचान किसी पालतू जानवर को मिल जाए, तो स्वाभाविक है कि लोग हैरान रह जाएं। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के डबरा कस्बे से ऐसा ही एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसने सोशल मीडिया पर खूब हलचल मचा दी है। यहां एक पालतू कुत्ते “टोमी जैसवाल” का कथित आधार कार्ड इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। कार्ड की बनावट इतनी असली जैसी है कि लोग इसे देखकर चौंक गए हैं।
आधार कार्ड में दर्ज हैं डॉग की डिटेल्स
इस वायरल हो रहे आधार कार्ड में बाकायदा कुत्ते का नाम, जन्मतिथि और पता दर्ज है। कार्ड पर नाम “टोमी जैसवाल” लिखा गया है और मालिक का नाम “कैलाश जैसवाल” अंकित है। पहचान के रूप में “डॉग” दर्ज किया गया है, जबकि जन्म तारीख 25 दिसंबर 2010 बताई गई है। पते में वार्ड नंबर 1, सिमरिया ताल, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) लिखा हुआ है। इतना ही नहीं, इसमें एक 12 अंकों का आधार नंबर 0700 0105 1580 भी दिया गया है। कार्ड पर बाकियों की तरह ही “मेरा आधार, मेरी पहचान” की टैगलाइन भी दिखाई देती है।
लोग कर रहे हैं सवाल
इस घटना ने लोगों के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर यूजर्स पूछ रहे हैं कि जब आम आदमी को आधार कार्ड बनवाने के लिए बायोमेट्रिक, दस्तावेज और लंबी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है, तो एक पालतू जानवर का कार्ड आखिर कैसे बन गया? क्या यह महज किसी की मस्ती और एडिटिंग का नतीजा है, या फिर आधार सिस्टम में कोई गंभीर खामी मौजूद है? यह बहस अब आम चर्चा का विषय बन गई है।
फर्जीवाड़ा या तकनीकी खामी?
कार्ड का डिजाइन और प्रिंट देखकर लगता है कि इसे एडिटिंग के जरिए तैयार किया गया होगा, क्योंकि आधार कार्ड की असली प्रक्रिया में केवल भारतीय नागरिक ही नामांकित किए जा सकते हैं। फिर भी, इतने सटीक तरीके से एडिट किया गया नकली कार्ड आम जनता को गुमराह कर सकता है। लोगों का कहना है कि अगर इस स्तर पर आधार कार्ड में छेड़छाड़ संभव है, तो पहचान प्रणाली की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर सवाल उठना लाजमी है।
प्रशासन की कड़ी प्रतिक्रिया
जैसे-जैसे यह मामला फैलता गया, वैसे-वैसे यह प्रशासन तक भी पहुंच गया। डबरा के तहसीलदार दिव्य दर्शन शर्मा ने कहा है कि यदि किसी ने जानबूझकर मजाक उड़ाने या फर्जीवाड़ा करने के लिए ऐसा कार्ड तैयार किया है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। इस घटना की जांच शुरू कर दी गई है और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड बना मामला
“टोमी जैसवाल” का यह आधार कार्ड अब इंटरनेट पर लोगों के बीच मजाक और चर्चा दोनों का कारण बना हुआ है। कोई इसे सिस्टम की कमजोरी बता रहा है, तो कोई इसे मात्र फोटोशॉप का कमाल कह रहा है। फिलहाल असली वजह जांच के बाद ही सामने आएगी, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल जरूर खड़ा कर दिया है कि देश की सबसे बड़ी पहचान प्रणाली को लेकर जनता में भरोसा कितना सुरक्षित है।