हाईवे जाम पर कोर्ट में NHAI के वकील का अजीब बयान, – अब लीगल डिपार्टमेंट पर उठे सवाल!

इंदौर-देवास हाईवे पर आए दिन लगने वाला भारी ट्रैफिक जाम से आए दिन जनता परेशान हो रही है। इसकी पीड़ा अब सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं रह गई, बल्कि कोर्टरूम से लेकर सोशल मीडिया तक बवाल मच गई है। हाईकोर्ट में चल रही जनहित याचिका के दौरान NHAI के वकील के बयान ने पुरे शहर में आग लगा दी है। जिसकी सोशल मीडिया पर जमकर लू उतर रही है। इसके बाद हाईवे पर लगे जाम का पूरा मामला और भी गरमा गया है।

कोर्ट में दिया गया चौंकाने वाला बयान
सुनवाई के दौरान NHAI की वकील ने कहा, “लोग घर से निकलते ही क्यों हैं… इतनी जल्दी, बिना किसी खास काम के? मॉल और होटल जाने की ऐसी क्या जरूरत है? जाम तो लगेगा ही!” इस बयान ने आम लोगों की भावनाओं को जैसे चिंगारी दे दी है। इस पर लोग जमकर NHAI को लताड़ लगा रहे है। जनता की प्रतिक्रिया देखकर इस बात का अंदाजा तो आसानी से लगाया जा सकता है कि जनता सड़कों पर जाम से कितना परेशान है।

सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
NHAI के इस बयान के बाद X (पूर्व में ट्विटर) पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। केंद्रीय मंत्रियों से लेकर विभागीय अधिकारियों तक को टैग करते हुए लोगों ने सवाल उठाया कि क्या NHAI का लीगल डिपार्टमेंट अब भगवान भरोसे चल रहा है?

NHAI का बयान, बढ़ा विवाद
जब मामला तूल पकड़ने लगा, तो NHAI ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से सफाई दी कि वकील का यह बयान उनका “ऑफिशियल स्टैंड” नहीं है। रीजनल ऑफिसर श्रवण कुमार सिंह ने कहा कि इस बयान के लिए संबंधित वकील को नोटिस भेजा गया है और जवाब मांगा गया है।

कोर्ट में कैसे पहुंच गई वकील?
इंदौर के सुबोध खंडेलवाल ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि “अगर वकील ने बिना अधिकार के कोर्ट में NHAI का पक्ष रखा, तो ये NHAI की गंभीर प्रशासनिक लापरवाही है। और अगर वो अधिकृत वकील थीं, तो फिर उनके बयान से NHAI सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट से कैसे पल्ला झाड़ सकता है? क्या अब कोर्ट की प्रक्रिया ट्विटर से चलेगी?

लीगल सिस्टम या भगवान भरोसे सिस्टम?
इस पूरे घटनाक्रम ने NHAI के लीगल सिस्टम पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। लोग पूछ रहे हैं, क्या कोई भी वकील अब कोर्ट में किसी भी सरकारी एजेंसी की ओर से बयान देने पहुंच सकता है? और अगर ऐसा हुआ, तो देश की सबसे अहम सड़कों के रखरखाव और सुरक्षा की जिम्मेदारी आखिर किसके हाथ में है? अब देखना ये होगा कि हाईकोर्ट इस पूरे विवाद पर क्या रुख अपनाता है और NHAI अपने लीगल फ्रंट को कैसे संभालता है। लेकिन फिलहाल, सोशल मीडिया और पब्लिक डोमेन में यही गूंज रहा है