स्वतंत्र समय, भोपाल
भोपाल में स्ट्रीट डॉग्स ( street dogs ) ने एक 6 साल के बच्चे के जबड़े को नोंच दिया। बच्चे को कमला नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। बच्चे के जबड़े पर 20 टांके आए हैं। डॉक्टर ने बच्चे के 3 दांत निकाले हैं। बुरी तरह जख्मी होने के कारण बच्चा दो दिन से कुछ खा नहीं सका। बच्चा गंगा नगर बस्ती में रहने वाले इमरान खान का है। वह मजदूरी करते हैं। रात में बेटा हुमेर घर के बाहर खेल रहा था, तभी एक आवारा कुत्ते ने बच्चे पर हमला कर दिया। बच्चे की चीख-पुकार सुनकर दौडक़र आए लोगों ने जैसे-तैसे कुत्ते को भगाया और बच्चे को बचाया। आनन-फानन में खून से लथपथ बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पिता इमरान ने बताया कि मुझे कमला नेहरू अस्पताल में दवाएं बाहर से लाने को कहा गया। मेरे पास पैसे नहीं हैं।
मजदूर है बच्चे का परिवार
नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष जकी ने बताया- पीडि़त बच्चा वार्ड नंबर 24 स्थित साइंस सेंटर के पास बाणगंगा क्षेत्र में रहता है। उसके पिता मजदूरी करते हैं। कुत्तों ( street dogs ) के हमले बच्चे के मुंह और शरीर पर गहरे जख्म हो गए हैं। जकी ने पीडि़त परिवार को मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने बताया कि जिस जगह हुमेर पर कुत्तों ने हमला किया, वहीं बुधवार रात में 3 और लोगों को काटा। महापौर समेत अन्य जिम्मेदारों से आवारा कुत्तों को पकडऩे की बात कही है। इमरान ने बताया, मोहल्ले में कुत्तों के झुंड है। निगम से शिकायत की, लेकिन कुत्तों को पकडऩे कोई नहीं आया।
अभी सर्जरी नहीं हो सकती: डॉ.
हमीदिया अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. धीरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि इस केस में रिस्क ज्यादा है। बच्चे को अनवैक्सीनेट डॉग ने काटा है। फेस पर बाइट और डेंटल इंजरी है। अभी सर्जरी नहीं की जा सकती। हमने टूथ एक्सटेंशन और एंटी रैबीज वैक्सीनेशन किया है। बच्चा स्टेबल लग रहा है। वैक्सीनेशन स्टेटस आने के बाद ही आगे का ट्रीटमेंट किया जाएगा। फीडिंग भी ड्रिप से दी जा रही है।
नहीं आए कुत्ते पकड़ने वाले
मां समरीन ने बताया कि मैं घर में खाना बना रही थी। हुमेर खेलते-खलते बाहर चला गया, तभी उसे कुत्ते ने काट लिया। हम उसे डॉक्टर के पास लेकर आए। अभी उसकी तबीयत ठीक नहीं है। बात नहीं कर पा रहा है। हमारे इलाके में पिछले करीब डेढ़ महीने बहुत कुत्ते हो गए हैं। इसकी शिकायत भी कर चुके। कुत्ते पकड़ने वाले यहां नहीं आए। बच्चे को काटने के बाद कुत्ते पकडऩे वाले आए।