भोपाल में ढीली पड़ी सख्ती, बिना हेलमेट अब फिर से मिल रहा पेट्रोल

भोपाल में दोपहिया वाहन चालकों के लिए जारी ‘बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं’ वाला कलेक्टर का आदेश 29 सितंबर 2025 को समाप्त हो गया। 30 जुलाई को जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा जारी यह आदेश केवल दो महीने की अवधि के लिए प्रभावी था। इसकी समयसीमा समाप्त होने के बाद मंगलवार को कोई नया आदेश जारी नहीं हुआ, जिससे शहर के पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट के भी पेट्रोल देना शुरू कर दिया गया।

शहर के पेट्रोल पंपों पर बदली तस्वीर

आदेश खत्म होते ही एमपी नगर, कोहेफिजा, कोलार, आईएसबीटी, होशंगाबाद रोड जैसे इलाकों के पेट्रोल पंपों पर दोपहिया वाहन चालक बिना हेलमेट के पेट्रोल भरवाते देखे गए। पहले जहां सख्ती के चलते उन्हें पेट्रोल नहीं दिया जा रहा था, अब वहीं नियमों की ढील दिखाई देने लगी है।

प्रशासन में हलचल, फिर से आदेश की संभावना

हालांकि आदेश की मियाद खत्म हो चुकी है, लेकिन फूड कंट्रोलर चंद्रभान सिंह जादौन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर से चर्चा की है। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि बहुत जल्द नया आदेश फिर से जारी किया जा सकता है, जिससे इस नियम को फिर से लागू किया जा सके।

पहले के आदेश के तहत हुई थी सख्त कार्रवाई

पुराने आदेश में भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत कार्रवाई का प्रावधान था। आदेश के अमल के दौरान प्रशासन ने बैरसिया और होशंगाबाद रोड जैसे क्षेत्रों के कई पेट्रोल पंपों की सैंपलिंग और जांच की थी। जांच में नियमों के उल्लंघन पर छह से अधिक पेट्रोल पंप सील किए गए और आवश्यक वस्तु अधिनियम व कलेक्टर आदेश की अवहेलना के मामलों में कानूनी कार्रवाई भी की गई थी।

हेलमेट को लेकर कानूनी आधार

कलेक्टर द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया था कि मध्यप्रदेश मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा 129 के अनुसार, प्रत्येक दोपहिया वाहन चालक और पीछे बैठने वाले यात्री के लिए आईएसआई मार्क वाला हेलमेट पहनना अनिवार्य है। यह आदेश सड़क सुरक्षा और दुर्घटना में होने वाली मौतों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल थी।

शासकीय सेवकों के लिए अलग से जारी हुआ नया निर्देश

हालांकि आम नागरिकों के लिए पेट्रोल न देने वाला आदेश समाप्त हो गया है, लेकिन शासकीय सेवकों के लिए पुलिस मुख्यालय की ओर से एक नया आदेश मंगलवार शाम को जारी किया गया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, अब राज्य के सभी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी यदि बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाते पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ चालान और ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

विशेष परिस्थितियों में था छूट का प्रावधान

पिछले आदेश में मेडिकल इमरजेंसी और आकस्मिक परिस्थितियों में हेलमेट न पहनने पर छूट दी गई थी। हालांकि यह नियम अन्य कानूनों के साथ मिलकर लागू किया गया था और यह किसी भी व्यक्ति की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से था।