MP में नए साल के जश्न से पहले नशे पर सख्ती, अब यदि हुक्का पिलाया तो खानी पड़ेगी जेल की हवा, भरना पड़ेगा लाखों रुपए

नया साल आने में कुछ ही समय बचा है। उससे पहले ही मध्य प्रदेश में नशे पर लगाम लगाने की कवायत जारी हो गई है। दरअसल, मध्य प्रदेश में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादक संशोधन अधिनियम 2023 लागू हो गया है। जिसके चलते अब उन भोजनालय आवासीय होटल और रेस्टोरेंट के संचालकों को 3 साल की सजा हो सकती है जो हुक्का बार का संचालन करते पाए जाएंगे।

होगी कड़ी कार्रवाई

इसके अलावा जानकारी के लिए बता दे अगर इन नियमों का पालन नहीं किया तो ऐसे मामले में सब इंस्पेक्टर या उससे बड़े पद पर पदस्थ अधिकारी कार्रवाई कर सकते हैं और खास बात तो यह है कि इसका असर ग्रामीण और शहरी इलाकों में संचालित होने वाले भोजनालय, ढाबों, रेस्टोरेंट पर देखने को मिलेगा। जहां बैठकर हुक्के का उपयोग किया जाता है।

संशोधन अधिनियम 2023 लागू कर दिया गया

जानकारी के मुताबिक बता दी हुक्का बार चलाने वाले पर 3 साल तक की सजा का प्रावधान और सजा के साथ एक लाख तक का जुर्माना भी तय किया गया है। साथ ही इस संबंध में एमपी सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है और राज्य सरकार ने सिगरेट और तंबाकू उत्पादन मध्य प्रदेश संशोधन अधिनियम 2023 लागू कर दिए। इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था और राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिलने के बाद गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया। राज्य सरकार ने यह फैसला नशे की तरफ मामले बढ़ने के बाद लिया है। इसके पहले हुक्का लॉन्च पर भी कार्रवाई का कोई नियम नहीं था लेकिन अब यह नियम लागू किया गया है।

बिना किसी वारंट के कर सकते हैं कार्रवाई  

हालांकि पहले हुक्का बार संचालक पुलिस की कार्रवाई से आसानी से बाहर निकल जाते थे। कानून न होने से कोर्ट से भी स्टे मिलना आसान होता था। लेकिन साल 2022 में शिवराज कैबिनेट द्वारा इस बिल को मंजूरी देखकर अध्यादेश जारी किया गया था और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भी भेजा गया था। लेकिन अब जाकर इसको लेकर अधिसूचना जारी की गई है। अब हुक्का बार को लेकर सूचना मिलने पर पुलिस को सामान जब तक करने का भी अधिकार होगा। साथ ही बिना किसी वारंट के उनके खिलाफ कार्रवाई भी कर सकते हैं।