सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रीवा ने किया कमाल, हृदय उपचार में बनाया नया कीर्तिमान

रीवा के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एस. के. त्रिपाठी (कार्डियोलॉजिस्ट) ने एक ही सप्ताह में तीन अत्याधुनिक और जटिल हृदय प्रक्रियाओं — CRTD, CSP और AICD इम्प्लांटेशन — को सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह उपलब्धि मध्यप्रदेश के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में पहली बार हासिल की गई है।

मध्यप्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पहली सफलता

यह सफलता न केवल रीवा बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय है। अब तक इस तरह की जटिल हृदय प्रक्रियाएँ केवल बड़े महानगरों जैसे दिल्ली, मुंबई या चेन्नई में ही की जाती थीं। लेकिन अब रीवा के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में इन जीवनरक्षक हृदय प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक किया जाना स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नई दिशा दिखाता है।

हृदय रोगियों के लिए नई उम्मीद

डॉ. एस. के. त्रिपाठी ने बताया कि ये सभी प्रक्रियाएं हृदय विफलता (Heart Failure) से जूझ रहे मरीजों के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में लगाए गए उपकरण इतने उन्नत हैं कि वे ब्रैडीकार्डिया (धीमी हृदय गति) और टैकीकार्डिया (तेज़ हृदय गति) दोनों ही स्थितियों को नियंत्रित करते हैं, जिससे मरीज को कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर स्थिति से भी बचाया जा सकता है।

आधुनिक तकनीक से रीवा में संभव हुआ बड़ा बदलाव

पहले इन अत्याधुनिक तकनीकों की उपलब्धता केवल मेट्रो सिटी के अस्पतालों में थी, लेकिन अब रीवा जैसे क्षेत्र में भी ये उन्नत हृदय प्रत्यारोपण तकनीकें उपलब्ध हो चुकी हैं। इससे अब विंध्य क्षेत्र और आसपास के जिलों के हृदय रोगी मरीजों को बड़े शहरों की यात्रा किए बिना ही उच्चस्तरीय इलाज मिल सकेगा।

सरकार और विशेषज्ञों का योगदान

इस उपलब्धि के पीछे मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल का विशेष मार्गदर्शन रहा है। उनके निरंतर सहयोग और नीतिगत समर्थन से रीवा के कार्डियोलॉजी विभाग ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
इस अवसर पर डॉ. सुनील अग्रवाल (डीन, मेडिकल कॉलेज रीवा), डॉ. अक्षय श्रीवास्तव (अधीक्षक, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रीवा) और डॉ. वी. डी. त्रिपाठी (विभागाध्यक्ष, कार्डियोलॉजी) ने इस उपलब्धि को रीवा के चिकित्सा इतिहास का “स्वर्णिम अध्याय” बताया।

टीमवर्क की अद्भुत मिसाल

इस सफलता में डॉक्टरों के साथ-साथ नर्सिंग और तकनीकी स्टाफ का भी बड़ा योगदान रहा। जय नारायण मिश्रा, सत्यम, सुमन, मनीष, सुधांशु, सोनाली, विजय और अन्य नर्सिंग स्टाफ ने पूरी निष्ठा और कुशलता से प्रक्रियाओं को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।

5 वर्षों में कई उल्लेखनीय सफलताएं

डॉ. एस. के. त्रिपाठी ने पिछले 5 वर्षों में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, रीवा में कई जटिल हृदय प्रक्रियाएं की हैं, जो मध्यप्रदेश के सरकारी कार्डियक सेंटर्स में पहली बार संभव हुईं। इनकी वजह से न केवल रीवा बल्कि विंध्य क्षेत्र के मरीजों को भी बेहतर और समय पर इलाज मिल रहा है।

इनमें प्रमुख रूप से निम्न प्रक्रियाएँ शामिल हैं:

  • लीडलेस पेसमेकर (Leadless Pacemaker)
  • एलओटी सीआरटी (LOT CRT)
  • सीएसपी – कंडक्शन सिस्टम पेसिंग (CSP – Conduction System Pacing)
  • रोटाब्लेटर मशीन द्वारा जटिल एंजियोप्लास्टी (Complex Angioplasty with Rotablator Machine)