आवारा कुत्तों को सड़कों से उठाने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, शेल्टर होम भेजने पर पूरे देश में मचा हंगामा

सुप्रीम कोर्ट ने विगत दिनों आवारा श्वानों के लगातार हमलों के कारण आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने का फैंसला दिया था। इस फैंसलें के बाद पुरे देश में पेट लवर्स ने इस फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया। इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आवारा श्वान को शेल्टर होम भेजने का विरोध किया था। जिसके चलते दिल्ली-NCR  सहित पूरे देश में आवारा श्वान को शेल्टर होम भेजने की मुहिम पर रोक लगा दी गई है। यहां पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही मुहिम शुरू करते हुए आवारा श्वान को शेल्टर होम भेजा जा रहा था। लेकिन इस फैंसले पर आपत्ति के बाद इसे रोक दिया गया है।

तीन जजो ने की सुनवाई
दिल्ली-NCR में बेघर स्ट्रीट डॉग को शेल्टर होम में भेजने के सुप्रीम कोर्ट  के निर्देश पर हंगामा मचने के बाद इसके विरोध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की विशेष पीठ इस मामलें पर सुनवाई की. इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।

स्ट्रीट डॉग की हिसंक प्रवृत्ति से परेशान जनता
स्ट्रीट डॉग की शहरों में बढ़ रही हिंसक प्रवृत्ति के कारण अब जनता का स्ट्रीट डॉग के बीच रहना मुश्किल हो गया है। स्ट्रीट डॉग के हमलों के कारण घायल हो रहे है। स्ट्रीट डॉग वाहनो चालको पर अचानक से हमला कर देते है जिस कारण वाहन चालक नीचे गिर जाते है। इसके साथ ही वाहन चालकों पर स्ट्रीट डॉग हमला कर देते है। ऐसे परिस्थितियों में आसपास के लोगों के दवारा आवारा श्वान से किसी को बचाना भी मुश्किल हो जाता है। पेट लवर्स इस बात की अनदेखी करके लगातार आवारा श्वान को शेल्टर होम भेजने का विरोध कर रहे है। दिल्ली सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कुत्तों के हमले से बच्चे मर रहे हैं. नसबंदी से कुत्तों के काटने की घटनाएं थम नहीं रही हैं। कोर्ट के सामने दलील रखते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कोई भी कुत्तों को मारने के लिए नहीं कह रहा है. हम बस उन्हें इंसानी आबादी से अलग रखने को कह रहे हैं।

शेल्टर होम में कैसे रहेगे आवारा श्वान?
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि कोर्ट के निर्देश में कहा गया है कि कुत्तों को नसबंदी के बाद छोड़ा नहीं जाएगा. तो फिर वे कहां जाएंगे?  ये नियमों के खिलाफ है. इस पर रोक लगनी चाहिए. जब एक बड़ी संख्या में कुत्तों को एक साथ शेल्टर में रखा जाएगा तो वे एक दूसरे पर हमला करेंगे, इससे इंसान भी प्रभावित होंगे। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि कुत्तों को सड़कों से उठाने के फैसले पर फिलहाल रोक लगनी चाहिए और हमें जवाब देने के लिए समय देना चाहिए. इस दौरान कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला अपलोड किया गया लेकिन इससे पहले ही सड़कों से कुत्ते उठाने शुरू कर दिए गए।