जेलों में जाति आधारित भेदभाव मामले पर Supreme Court सख्त

स्वतंत्र समय, नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने गुरुवार को जाति आधारित भेदभाव से जुड़ी याचिका पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि जेल में निचली जातियों को सफाई और झाड़ू लगाने और उच्च जाति को खाना पकाने का काम सौंपकर सीधे तौर पर भेदभाव किया जाता है और यह अनुच्छेद 15 का उल्लंघन है। शीर्ष अदालत ने कुछ राज्यों के जेल मैनुअल के भेदभावपूर्ण प्रावधानों को खारिज कर दिया तथा जाति आधारित भेदभाव, कार्य बंटवारे और कैदियों को उनकी जाति के अनुसार अलग वार्डों में रखने की प्रथा की निंदा की। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने जेलों में जाति आधारित भेदभाव रोकने के लिए कई निर्देश भी जारी किए।

Supreme Court ने मप्र सहित 17 राज्यों से मांगा था जवाब

सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सहिता 17 राज्यों से जेल के अंदर जातिगत भेदभाव और जेलों में कैदियों को जाति के आधार पर काम दिए जाने पर जवाब मांगा था। हालांकि छह महीने बीतने के बाद भी केवल उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल ने ही अपना जवाब कोर्ट में दाखिल किया।