सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, स्ट्रीट डॉग्स को शेल्टर हाउस में शिफ्ट करने की पूरी तैयारी

Indore News : देश में कुत्तों के काटने और रेबीज जैसी गंभीर बीमारी के बढ़ते मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर स्वतः संज्ञान लिया। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने इस रिपोर्ट को “बेहद चिंताजनक और परेशान करने वाला” बताते हुए कहा कि इसमें कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। हर दिन सैकड़ों डॉग बाइट के मामले दर्ज हो रहे हैं, जिससे खासकर बच्चे और बुजुर्ग प्रभावित हो रहे हैं।

कोर्ट ने इस रिपोर्ट और अपने आदेश को मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) को भेजने के निर्देश दिए हैं, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि – “मैं लगातार यह कहता रहा हूं कि माननीय उच्चतम न्यायालय के पूर्व आदेशों के कारण नगर निगमों के हाथ बंधे हुए थे। अब आशा की किरण नजर आती है, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने स्वयं संज्ञान लेकर स्ट्रीट डॉग्स के मामले को गंभीरता से लिया है।”

उन्होंने बताया कि कोर्ट ने पहले चरण में एनसीआर क्षेत्र में 5,000 से अधिक आवारा कुत्तों को शेल्टर हाउस में स्थानांतरित करने का निर्णय सुनाया है। महापौर ने विश्वास जताया कि यह दिशा-निर्देश केवल एनसीआर तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि देश के अन्य नगर निगमों में भी लागू होंगे। जिससे डॉग बाइट के मामलों पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।

महापौर भार्गव ने कहा कि “यदि यह निर्देश केवल एनसीआर के लिए है, तो इंदौर नगर निगम सुप्रीम कोर्ट में इंटरवेंशन एप्लिकेशन दायर करेगा और इंदौर की स्थिति भी न्यायालय के समक्ष रखेगा। हम अनुरोध करेंगे कि इंदौर जैसे बड़े शहरों के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। नगर निगम शेल्टर हाउस बनाकर वहां डॉग्स को शिफ्ट करने के लिए पूरी तरह तैयार है।” महापौर ने प्रसन्नता जताई कि पुराने आदेशों के संदर्भ में अब नई दिशा खुल रही है, जिससे स्ट्रीट डॉग्स की समस्या के समाधान की राह आसान हो सकेगी।