स्वतंत्र समय, इंदौर
केंद्रीय शहरी कार्य मंत्रालय की संयुक्त सचिव रूपा मिश्रा इंदौर में सफाई व्यवस्था का जायजा लेने शनिवार को इंदौर आईं। दो दिन इंदौर में रहने के बाद सोमवार की सुबह दिल्ली के लिए रवाना हो गई। दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने इंदौर की सफाई व्यवस्था पर काफी प्रसन्न रही। एक तरह से उन्होंने स्वच्छता सर्वेक्षण ( Swachh Survekshan ) से पहले ही सफाई व्यवस्था देखकर खुद ने ही अप्रत्यक्ष रुप से सर्वेक्षण कर लिया। अपने दौरे के दौरान महिला अधिकारी ने उन्होंने गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन, एकता आत्मनिर्भर भारत एसएचजी केंद्र , कचरा सेग्रीगेशन प्रोसेस देखने के साथ ही राजकुमार मिल सब्जी मंडी का भी अवलोकन किया। इस दौरान श्रीमती रूप मिश्रा ने आगामी स्वच्छता सर्वेक्षण और इंदौर की सफाई व्यवस्था को लेकर चर्चा की। उन्होंने प्रबल संभावना जताई कि इंदौर को इस बार गोल्डन क्लब कैटेगिरी में शामिल किया जाएगा।
Swachh Survekshan की नई कैटेगरी से नए शहरों को भी ऊपर आने का मौका
उन्होंने बताया कि ऐसे शहर जो 3 बार से लगातार स्वच्छ सर्वेक्षण ( Swachh Survekshan ) में शीर्ष पर बने रहते हैं उनके लिए अलग से यह कैटेगरी बनाई जा रही है और यह केटेगरी हर पापुलेशन वर्ग के शहरों के लिए अलग-अलग होगी। इससे नए शहरों को भी ऊपर आने का मौका मिलेगा। राजकुमार मिल ब्रिज के नीचे स्थित एकता आत्मनिर्भर भारत केंद्र पहुंची रूप मिश्रा ने यहां काम करने वाली महिलाओं से उनके काम के बारे में जानकारी ली। यहां एक वृद्ध महिला ने उनसे लिपटकर अपनी खुशी जाहिर की। यहां काम कर रही है एक बच्ची से उन्होंने जानकारी ली कि अनुपयोगी वस्तुओं से उसने कैसे खिलौने बनाए हैं।
काम करने वाली महिलाओं के साथ फोटो खिंचाए
श्रीमती रूपा मिश्रा ने बच्ची की काम की प्रशंसा करते हुए निगम आयुक्त शिवम वर्मा से कहा कि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण अवार्ड सेरेमनी में इस बच्ची को जरूर लेकर आना। यहां उन्होंने काम करने वाली महिलाओं के साथ फोटो खिंचवाए और स्वयं सहायता समूह को 3000 दिए। यहीं उन्होंने कचरा सेग्रीगेशन प्रोसेस देखी। अपर आयुक्त एसबीएम अभिलाष मिश्रा और एनजीओ के संचालक सनप्रीत ने उन्हें कचरा सेग्रीगेशन की प्रक्रिया समझाई। यहीं पर स्थित माता मंदिर में जाकर उन्होंने पूजा अर्चना की। राजकुमार ब्रिज के नीचे ही स्थित सब्जी मंडी में पहुंचकर उन्होंने सब्जी बेचने वाली महिलाओं से जानकारी ली की ग्राहकों को सब्जी किस थैली में देते हैं। महिलाओं ने बताया कि वह प्लास्टिक की पन्नी का उपयोग बिलकुल नहीं करती हैं।