ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर कदम, इंदौर बनेगा नेट जीरो सिटी

इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर्स इंडिया के इंदौर रीजनल सेंटर की ओर से शहर के अनुभवी और युवा प्लानर्स की एक अहम गोष्ठी आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में इंदौर के शहरी विकास और भविष्य की योजनाओं पर गहन चर्चा की गई। मुख्य आकर्षण रहा प्लानर डॉ. मनमोहन काप्शे का व्याख्यान, जिसमें उन्होंने नेट जीरो सिटी की अवधारणा और उसकी आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

नेट जीरो सिटी क्यों है ज़रूरी?

डॉ. काप्शे ने बताया कि नेट जीरो शहर का अर्थ है — ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर शहर। यदि इंदौर आज से इसकी तैयारी शुरू करता है, तो वर्ष 2070 तक यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनके अनुसार ऊर्जा आत्मनिर्भरता का यह सफर लंबा ज़रूर है, लेकिन इसकी शुरुआत करना ही आने वाली पीढ़ियों के लिए सबसे बड़ी सौगात होगी। उन्होंने कहा कि बेहतर भविष्य केवल उच्च स्तरीय और सस्टेनेबल प्लानिंग से ही संभव है।

सस्टेनेबल प्लानिंग पर ज़ोर

इस मौके पर टीएनसीपी इंदौर के ज्वाइंट डायरेक्टर, प्लानर शुभाशीष बनर्जी ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि इंदौर के आगामी मास्टर प्लान में जलवायु परिवर्तन और सस्टेनेबिलिटी को ध्यान में रखते हुए विशेष इनपुट्स शामिल किए जा रहे हैं। इससे शहर की दीर्घकालिक आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ ही इसे पर्यावरण अनुकूल और रहने योग्य बनाया जा सकेगा।

प्लानर्स का योगदान और सुझाव

गोष्ठी में मौजूद सभी प्लानर्स ने इंदौर के विकास में अपनी भूमिका निभाने का संकल्प लिया। उन्होंने शहर की मौजूदा चुनौतियों, बढ़ती जनसंख्या और असमानताओं पर विचार रखते हुए कई सुझाव दिए। इन सुझावों को आगामी मास्टर प्लान में कैसे शामिल किया जाए, इस पर विस्तृत चर्चा की गई। सभी ने सहमति जताई कि समय-समय पर ऐसी बैठकें होती रहें, ताकि सामूहिक विचार-विमर्श से शहर की प्लानिंग को नई दिशा मिल सके।

कार्यक्रम का संचालन और स्वागत

कार्यक्रम में इंदौर सेंटर के चेयरमैन वरिष्ठ प्लानर डी. एल. गोयल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। वहीं, सेंटर की सेक्रेटरी प्लानर  प्रकृति सेठी ने पूरे आयोजन का संचालन किया और अंत में आभार व्यक्त किया।

भविष्य की रूपरेखा

यह तय किया गया कि ऐसी शहरी विकास और प्लानिंग से जुड़ी सार्थक गोष्ठियां नियमित अंतराल पर आयोजित होंगी। वर्तमान में इंदौर सेंटर से लगभग 70 अर्बन प्लानर्स जुड़े हुए हैं, जो अपने अनुभव और सुझावों से शहर को सेवाएं देने के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे। इस पहल से उम्मीद है कि इंदौर आने वाले वर्षों में नेट जीरो सिटी बनने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाएगा।