tankers में जीपीएस के अलावा पानी बांटने वाले स्थान का फोटो खींचकर भेजना होगा

स्वतंत्र समय, इंदौर

शहर में नगर निगम ने खुद के और किराए के करीब तीन सौ टैंकर ( tankers ) पानी बांटने के कार्यों में लगा रखे हैं। सुबह से लेकर देर रात तक अलग अलग क्षेत्रों में पानी बांटने का सिलसिला चलता रहता है, लेकिन इनकी मानीटरिंग करना टेढ़ी खीर रहा है, जिसके चलते अब निगम ने सभी टैंकरों में जीपीएस सिस्टम लगाने के साथ-साथ पानी बांटने वाले स्थानों पर ड्राइवर और कर्मचारियों को उस स्थान के फोटो खींचकर भेजने को कहा है।

300 tankers से होता है शहर में पानी सप्लाई

मार्च के बाद से नगर निगम शहर के उन इलाकों में टैंकर ( tankers ) से पानी सप्लाय शुरू कर देता है, जहां पानी की किल्लत ज्यादा रहती है। शहर के कई क्षेत्रों में दर्जनों नई कालोनियों में पानी नहीं मिलने की शिकायतों के चलते निगम द्वारा लगातार टैंकर दौड़ाए जा रहे हैं और इनकी संख्या भी लगातार बढ़ाई जा रही है। शुरूआत दौर में निगम ने 80 टैंकर पानी बांटने के काम मे ंलगाए गए थे, इनमें टैंकरों के साथ-साथ कई ट्रैक्टर- टैंकर भी शामिल रहे हैं, अब निगम द्वारा गर्मी बढऩे और शिकायतें आने के चलते किराये पर लिये गये टैंकरों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। अब तक 220 टैंकर पानी बांटने के काम में लगाए गए हैं। कुल तीन सौ के आसपास टैंकर पानी बांटने के काम में जुटे है। झोनलों से लेकर कई अन्य स्तरों पर इसकी निगरानी की जा रही है। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक टैंकरों में पहले से ही जीपीएस सिस्टम लगाये गये थे, अब टैंकर के साथ पानी बांटने के लिए पहुंचे कर्मचारियों को पानी बांटने वाले स्थानों की फोटो खींचकर अधिकारियों को भेजना होंगे, ताकि सारी स्थिति स्पष्ट रहे।

पहले निगम बुक में दर्ज होते थे रहवासियों के नाम-पते

नगर निगम द्वारा टैंकरों से पानी बंटवाने के साथ-साथ पानी की कालाबाजारी ना हो, इसके लिए तमाम मशक्कत की जा चुकी है। मगर उसके बावजूद टैंकर चालक और क्लीनर अलग-अलग रास्ते निकालकर पानी बेचने से बाज नहीं आते रहे हैं। पूर्व में निगम द्वारा जिन क्षेत्रों में टैंकरों से पानी वितरण कराया जाता रहा है, वहां पानी बांटने के बाद रहवासियों के नाम-पते के साथ-साथ उनके हस्ताक्षर भी लिए जाते रहे हैं और अभी भी कई झोनों के वार्डों में यह प्रक्रिया जारी है।