एयर इंडिया की फ्लाइट 171 से जुड़ी दुखद विमान दुर्घटना के बाद टाटा समूह ने बड़ा कदम उठाते हुए प्रभावित परिवारों के लिए सहायता की घोषणा की है। टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने एक बयान जारी कर इस हादसे पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने कहा कि यह एक अत्यंत पीड़ादायक घटना है, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। उन्होंने शोकसंतप्त परिवारों और घायलों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
टाटा समूह ने घोषणा की है कि इस दुखद हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को 1 रुपए करोड़ की सहायता राशि दी जाएगी। इसके अलावा, घायलों के इलाज का पूरा खर्च भी टाटा ग्रुप द्वारा वहन किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें हर संभव चिकित्सा सुविधा और समर्थन मिले। कंपनी ने यह भी बताया कि वह बी. जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास के पुनर्निर्माण में सहयोग करेगी, जो इस दुर्घटना में प्रभावित हुआ है। टाटा समूह ने कहा कि वह इस कठिन समय में सभी प्रभावित परिवारों और समुदायों के साथ मजबूती से खड़ा है।
We are deeply anguished by the tragic event involving Air India Flight 171.
No words can adequately express the grief we feel at this moment. Our thoughts and prayers are with the families who have lost their loved ones, and with those who have been injured.
Tata Group will…
— Tata Group (@TataCompanies) June 12, 2025
अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत मुआवज़ा: यात्रियों की सुरक्षा की गारंटी
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सख्त नियम निर्धारित किए गए हैं। भारत मॉन्ट्रियल कन्वेंशन 1999 का हिस्सा है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एयरलाइंस द्वारा दिए जाने वाले मुआवज़े के मानकों को तय करता है। इस संधि के अंतर्गत यदि किसी उड़ान में यात्री की मृत्यु या शारीरिक चोट होती है, तो एयरलाइन की गलती साबित हुए बिना भी पीड़ित को मुआवजा मिल सकता है। इस व्यवस्था के तहत अधिकतम 128,821 स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDRs) यानी करीब 1.4 करोड़ रुपये प्रति यात्री का मुआवजा निर्धारित है। यदि यह सिद्ध हो जाए कि दुर्घटना एयरलाइन की लापरवाही के कारण हुई है, तो मुआवज़े की राशि और भी अधिक हो सकती है।
घरेलू उड़ानों में भी मिलता है सुरक्षा कवरेज
हालांकि मॉन्ट्रियल कन्वेंशन सिर्फ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लागू होता है, लेकिन भारत में DGCA (डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन) के दिशानिर्देशों के तहत कई भारतीय एयरलाइंस घरेलू उड़ानों पर भी इसी तरह का मुआवजा मॉडल अपनाती हैं। यह यात्रियों के हित में एक अतिरिक्त सुरक्षा कवच प्रदान करता है।
ट्रैवल इंश्योरेंस: अनदेखे जोखिमों से सुरक्षा
मुआवज़े के अलावा यात्रियों के लिए ट्रैवल इंश्योरेंस भी अत्यंत लाभकारी है। आमतौर पर इसे यात्रा रद्द होने, सामान गुम होने या मेडिकल इमरजेंसी जैसी परिस्थितियों के लिए लिया जाता है। लेकिन इसके अंतर्गत हवाई दुर्घटनाओं में मृत्यु या चोट जैसी गंभीर स्थितियों में भी वित्तीय सहायता मिलती है।
स्पेशलाइज्ड फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो अक्सर यात्रा करते हैं और संभावित जोखिमों से खुद को सुरक्षित रखना चाहते हैं। इस तरह के प्लान में ऐक्सिडेंटल डेथ बेनिफिट 25 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपए तक हो सकता है, वहीं स्थायी अपंगता के मामलों में 5 लाख से 10 लाख रुपए तक का मुआवज़ा शामिल होता है।
स्वास्थ्य और यात्रा में रुकावट पर भी मदद
कॉम्प्रिहेंसिव ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी सिर्फ दुर्घटनाओं तक सीमित नहीं होती। ये प्लान मेडिकल इमरजेंसी, अस्पताल में भर्ती, और मेडिकल इवैक्यूएशन जैसे खर्चों को भी कवर करते हैं। यदि फ्लाइट देर हो जाती है या यात्रा रद्द करनी पड़ती है, तो यात्री को रिइम्बर्समेंट मिलता है। कुछ योजनाएं अस्पताल में भर्ती होने पर फिक्स्ड डेली अलाउंस भी देती हैं, जिससे इलाज के दौरान होने वाला आर्थिक बोझ कुछ हद तक कम हो जाता है।