मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेले गए रोमांचक टेस्ट मुकाबले में भारतीय टीम ने जबरदस्त वापसी करते हुए इंग्लैंड को ड्रॉ खेलने पर मजबूर कर दिया। मुकाबले के चौथे दिन तक भारत हार की कगार पर नजर आ रहा था, लेकिन पांचवें दिन शुभमन गिल, रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर की शानदार पारियों ने तस्वीर ही बदल दी।
पहले ओवर में आया संकट
चौथे दिन के दूसरे सेशन तक इंग्लैंड ने 311 रन की बढ़त बना ली थी और दूसरी पारी में पहले ही ओवर में भारत के दो विकेट गिरने से हार लगभग तय मानी जा रही थी। लेकिन यहीं से भारत की वापसी की कहानी शुरू हुई। कप्तान शुभमन गिल और उपकप्तान केएल राहुल ने मिलकर 174 रनों की साझेदारी करते हुए टीम को स्थिरता दी।
राहुल चूके शतक से, गिल ने दिखाया जज़्बा
केएल राहुल शानदार लय में नजर आ रहे थे लेकिन वह मात्र 10 रन से शतक से चूक गए और 90 रन पर आउट हो गए। दूसरी ओर, गिल ने मुश्किल परिस्थितियों में साहसिक पारी खेलते हुए अपना चौथा टेस्ट शतक जमाया। हालांकि, सेशन के अंत में जोफ्रा आर्चर की गेंद पर गिल (103) भी पवेलियन लौट गए।
जडेजा को मिला जीवनदान, इंग्लैंड की चूक भारी पड़ी
गिल के आउट होने के तुरंत बाद आए रवींद्र जडेजा पहली ही गेंद पर स्लिप में कैच थमा बैठे, लेकिन इंग्लैंड के अनुभवी फील्डर जो रूट ने वह आसान कैच छोड़ दिया। यह इंग्लैंड के लिए निर्णायक गलती साबित हुई।
सुंदर-जडेजा की साझेदारी ने छीनी इंग्लैंड की जीत
इसके बाद वॉशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा ने मोर्चा संभाल लिया। दोनों ने मिलकर शानदार धैर्य के साथ बल्लेबाज़ी की और लगभग दो सेशन तक इंग्लैंड के गेंदबाज़ों को कोई सफलता नहीं दी। इस जोड़ी ने 334 गेंदों में 203 रनों की नाबाद साझेदारी कर भारत को 114 रन की बढ़त दिला दी।
शतकवीर जडेजा और सुंदर ने बचाई टीम इंडिया की इज्ज़त
रवींद्र जडेजा ने इस पारी में 107* रन बनाते हुए अपना पांचवां टेस्ट शतक जमाया जबकि वॉशिंगटन सुंदर ने भी अपने करियर का पहला टेस्ट शतक (101*) पूरा किया। इन दोनों के प्रयासों से भारत न सिर्फ हार से बचा, बल्कि मुकाबला ड्रॉ करवाने में सफल रहा।