फर्जी रजिस्ट्री करने वाली गैंग को तहसीलदार व पुलिस ने पकड़ा

स्वतंत्र समय, मुरैना

कोतवाली क्षेत्र के गोपालपूरा इलाके में लंबे समय से सक्रिय फर्जी रजिस्ट्री करने वाली गैंग का तहसीलदार एवं कोतवाली पुलिस ने खुलासा किया है और छापामार कार्रवाई करते हुए भारी मात्रा में फर्जी रजिस्ट्री सील एवं अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं, गैंग चलाने वाला सरगना मौके से गायब था। पुलिस द्वारा मकान मालिक की भूमिका की भी जांच की जा रही है। पुलिस टीम ने मौके से कुछ लडक़ों को भी पकड़ा है जो वहां काम कर रहे थे।
तहसीलदार कुलदीप दुबे ने बताया कि तहसील न्यायालय में नामांकन हेतु ऐसे दस्तावेज पेश हो रहे थे जो फर्जी थे और फर्जी रजिस्ट्रियां काफी मात्रा में आ रही थी, जिनको लेकर जिला कलेक्टर अंकित अस्थाना को अवगत कराया गया। कलेक्टर ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए। जिला कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार कुलदीप दुबे ने अपनी पूरी टीम एवं कोतवाली पुलिस को साथ लेकर गुरुवार की दोपहर 12:30 बजे दीक्षित गली गोपालपुरा में संचालित फर्जी रजिस्ट्री की दुकान पर छापा मारा और वहां काम करते हुए तीन-चार युवकों को पकड़ा पुलिस टीम ने मौके से बड़ी संख्या में फर्जी सील, फर्जी रजिस्ट्री, तैयार की हुई रजिस्ट्री, सब रजिस्टार कार्यालय की पंजी, सब रजिस्ट्रार कार्यालय का डुप्लीकेट रजिस्टर भी मौके से बरामद हुआ है। श्री दुबे ने बताया कि न्यायालय में नामांतरण हेतु जो आवेदन लगे थे, उनकी रजिस्ट्री यहां फर्जी पाई गई है। एक रजिस्ट्री फर्जी पाई गई, उसका नामांतरण 10 जनवरी को निरस्त किया गया है तथा पृथक से विक्रेता के विरुद्ध मामला दर्ज कराया जा रहा है। तहसीलदार एवं पुलिस टीम द्वारा मौके से काम कर रहे तीन-चार युवकों को पकड़ा गया है तथा मकान मालिक भदोरिया की जांच की जा रही है और उसकी भूमिका का पता किया जा रहा है। इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड संजू कुलश्रेष्ठ उर्फ लक्ष्मी नारायण फरार हो गया है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है।
उल्लेखनीय है कि मुरैना जिले में लगातार प्लाट मकान पर कब्जा करने के प्रकरण सामने आ रहे हैं और उनमें तमाम माफिया द्वारा गरीबों के प्लॉटों पर कब्जा कर फर्जी दस्तावेज तैयार कराये जा रहे हैं, ऐसी संभावना प्रतीत हो रही है कि फर्जी रजिस्ट्री करने वाली उक्त गैंग ही यह सब कार्य कर रही है।

हस्ताक्षर वाली प्रेक्टिस डायरी मिली

तहसीलदार कुलदीप दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि फर्जी रजिस्ट्री करने वाली गैंग के कार्यालय पर बारीकी से तलाशी ली गई तो एक डायरी मिली, जिसमें उक्त आरोपीगण अधिकारी एवं कर्मचारियों के अलावा अन्य लोगों के हस्ताक्षर हूबहू करने की प्रैक्टिस करते थे। उन्होंने बताया कि मास्टरमाइंड संजू कुलश्रेष्ठ के पकड़े जाने पर ही पूरे रैकेट का पर्दाफाश हो सकेगा। फिलहाल पूरे मामले की गंभीरता से छानबीन की जा रही है।