Tehsildar पर एफआईआर के विरोध में उतरा राजस्व संघ

स्वतंत्र समय, भोपाल

प्रदेश के राजस्व अधिकारियों ने जबलपुर में निजी भूमि की वसीयत नामांतरण के मामले में तहसीलदार ( Tehsildar ) पर कराई गई एफआईआर और निलंबन की कार्यवाही के विरोध में बुधवार से राजस्व कार्य नहीं करने का फैसला लिया है। इसके लिए तहसीलदारों ने राजस्व मंत्री के नाम पर जिलों में कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा है। तहसीलदारों के इस विरोध का समर्थन पटवारी संघ ने किया है और काम बंद करने की बात कही है।

Tehsildar पर कार्रवाई को बताया अवैधानिक 

कनष्ठि प्रशासनिक अधिकारी (तहसीलदार संघ) ने बुधवार को सभी जिलों में कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपकर तहसीलदार  ( Tehsildar ) आधारताल के विरुद्ध की गई एफआईआर की कार्यवाही को अवैधानिक बताया। संघ का कहना है कि तहसीलदार ने गलती की है तो अपील से आदेश निरस्त कर देते। तहसीलदार पर और सख्ती करनी है तो उसे जांच कराकर टर्मिनेट किया जा सकता है, लेकिन सरकारी जमीन न होने के बाद भी निजी जमीन के मामले में इस तरह की कार्यवाही विधि विपरीत है। अब प्रोटेक्शन एक्ट में अधिकार के बाद भी नियम विरुद्ध तहसीलदार पर की गई एफआईआर वापस ली जाए।

यह है मामला, जिसकी शिकायत संघ ने की

जबलपुर के आधारताल तहसीलदार द्वारा राजस्व न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 1587/अ-6/2023-24 में 8 अगस्त 2023 को आदेश जारी कर निजी स्वामित्व की जमीन की वसीयत नामांतरण की कार्रवाई की गई है। इस मामले में अपीलीय न्यायालय राजस्व अनुविभागीय अधिकारी आधारताल द्वारा अपील केस क्रमांक 0035/अपील /2024-25 में सुनवाई की गई और 9 सितम्बर 24 को आदेश जारी कर तहसीलदार न्यायालय के आदेश को निरस्त कर दिया। यह कार्यवाही भू-राजस्व संहिता के अधीन की गई है। संघ ने कहा है कि इसके बाद 12 सितम्बर 24 को बिना विभागीय अनुमति के अनुविभागीय अधिकारी आधारताल जिला जबलपुर ने पीठासीन अधिकारी और तहसीलदार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करा दी गई है। साथ ही तहसीलदार को गिरफ्तार भी कर लिया गया। इसके बाद कलेक्टर जबलपुर ने संबंधित तहसीलदार को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया।

कलेक्टर पर आरोप, एफआईआर की अनुमति नहीं ली

इस मामले में कनिष्ठ प्रशासिनक अधिकारी संघ ने जबलपुर कलेक्टर पर आरोप लगाया है कि एफआईआर कराने की विभागीय अनुमति लिए बगैर कलेक्टर द्वारा कार्यवाही तहसीलदार के विरुद्ध कराई गई। इसके अलावा उनके द्वारा निलंबन कार्यवाही भी सीधे की गई है जबकि यह अधिकार संभागायुक्त को है। इसलिए तहसीलदार के विरुद्ध की गई एफआईआर और निलंबन की यह कार्यवाही निरस्त की जानी चाहिए।