तेजस्वी और झा के आरोपों पर EC का पलटवार, जारी किया फैक्ट चेक

तेजस्वी और झा : बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को लेकर सियासी बहस बढ़ती जा रही है। विपक्षी दल इस प्रक्रिया को वंचितों के वोट काटने की साजिश बता रहे हैं। वहीं, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को पूरी तरह गलत बताया है। आयोग ने कई नेताओं के बयानों की जांच कर उन्हें झूठा और भ्रामक बताया है। आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी और नियमों के तहत हो रही है, जिससे किसी को नुकसान नहीं होगा।

तेजस्वी के वोट कटने के बयान को EC ने बताया गलत, मनोज झा पर भी दी सफाई

राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने हाल में कहा था कि बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के जरिए गरीब और पिछड़े वर्ग के करोड़ों वोटरों के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं। इस पर चुनाव आयोग ने साफ कहा कि यह दावा पूरी तरह गलत है। आयोग ने बताया कि अब तक करीब चार करोड़ फॉर्म बांटे जा चुके हैं और ज्यादातर वापस भी मिल चुके हैं, जो लोगों की भागीदारी दिखाता है। राजद सांसद मनोज झा के समय न मिलने के आरोप पर आयोग ने कहा कि वह अधिकृत प्रतिनिधि नहीं थे, इसलिए उन्हें समय नहीं दिया गया।

भाजपा ने कहा प्रक्रिया पारदर्शी, विपक्ष को EC की भूमिका पर शक

भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने चुनाव आयोग के फैक्ट चेक अभियान का समर्थन करते हुए कहा कि आयोग ने योगेंद्र यादव, करण थापर, सुप्रिया श्रीनेत, मल्लिकार्जुन खड़गे और रवीश कुमार जैसे नेताओं और पत्रकारों की झूठी बातों का जवाब सही तरीके से दिया है। उन्होंने इसे भ्रम फैलाने की कोशिश बताया। दूसरी ओर, विपक्ष का आरोप है कि आयोग केंद्र सरकार के दबाव में काम कर रहा है और यह अभियान एकपक्षीय है, जो पिछड़े, दलित और मुस्लिम समाज को निशाना बना रहा है। आयोग ने लोगों से कहा है कि वे बीएलओ से संपर्क कर समय पर फॉर्म भरें।