आशा-ममता राशि बढ़ाने पर तेजस्वी यादव का सरकार पर तंज

तेजस्वी यादव : बिहार में आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने को लेकर सियासत गरम हो गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि जब वे स्वास्थ्य मंत्री थे, तब उन्होंने इस राशि बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन तब की सरकार और मुख्यमंत्री ने इसे रोक दिया था। अब सरकार को हमारी मांग के सामने झुकना पड़ा है। तेजस्वी ने कहा कि ये निकम्मी एनडीए सरकार दो साल तक इस मामले को टालती रही।

तेजस्वी बोले- सरकार ने प्रोत्साहन राशि पूरी नहीं बढ़ाई, मानदेय देना होगा

तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार ने चालाकी से उनकी मांग पूरी नहीं की। उन्होंने बताया कि प्रोत्साहन राशि की बजाय कार्यकर्ताओं को मानदेय मिलना चाहिए, और वे इसे देने का वादा करते हैं। उन्होंने कहा कि अब सरकार को आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका और रसोइयों के मानदेय बढ़ाने की उनकी मांग माननी पड़ेगी। तेजस्वी ने यह भी कहा कि उनके 17 महीने के कार्यकाल में विकास मित्र, शिक्षा मित्र, टोला सेवक और पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय बढ़ाए गए थे।

तेजस्वी के कदमों की नकल क्यों?

तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी मांगों और वादों को देखकर इस नकलची और कमजोर सरकार को डर लगता है, जो अच्छा है। लेकिन क्या ये सरकार पिछले 20 साल बस टाइमpass कर रही थी? वही नेता और मंत्री, जो हमारी बातों का मजाक उड़ाते थे, अब सत्ता खत्म होते देख भाग रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या सब कुछ तेजस्वी की नकल ही करनी है या अपनी समझ भी इस्तेमाल करोगे?

नीतीश कुमार ने किया अहम एलान

बुधवार सुबह सीएम नीतीश कुमार ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का एलान किया। उन्होंने कहा कि अब आशा कार्यकर्ताओं को 1,000 रुपये की जगह 3,000 रुपये मिलेंगे। ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव 300 रुपये की जगह 600 रुपये दिए जाएंगे। इससे उनकी हिम्मत बढ़ेगी और गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी। यह कदम ग्रामीण स्वास्थ्य को मजबूत बनाने के लिए उठाया गया है।