तेजस्वी यादव की अगली चाल पर निगाहें, बिहार सरकार ने किया खुलासा

तेजस्वी यादव : बिहार विधानसभा में विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने राज्य में चल रहे मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया मताधिकार छीनने के लिए की जा रही है। तेजस्वी ने पहले भी कहा था कि अगर इसे नहीं रोका गया तो वह चुनाव बहिष्कार के लिए विपक्षी दलों से समर्थन जुटाएंगे। उनका कहना था कि चुनाव आयोग को नागरिकता जांचने का अधिकार नहीं है और इतने कम समय में इतनी बड़ी प्रक्रिया नहीं हो सकती। हालांकि, नीतीश सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने तेजस्वी के सारे आरोपों का विरोध किया।

तेजस्वी का बयान: SIR नहीं, कम समय देना है परेशानी

तीन दिन तक विपक्ष ने SIR मुद्दे पर विधानसभा का काम रोका था। बुधवार को स्थिति और बिगड़ गई थी, और ‘बंदर-उछलकूद’ जैसा माहौल बना था। हालांकि, गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को अतिरिक्त समय दिया। तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्हें SIR से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इतने कम समय में इतनी बड़ी प्रक्रिया को पूरा करना मुश्किल है। उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए कि वह बाहरियों को क्यों चुन रहा है, जबकि आयोग ने ऐसा कोई शपथ पत्र नहीं दिया। तेजस्वी ने कहा कि अगर घुसपैठिया आया है, तो यह सरकार की जिम्मेदारी है।

चौधरी बोले: राबड़ी के शासन में भी इतने कम समय में हुआ था काम

मंत्री विजय कुमार चौधरी ने नागरिकता और मताधिकार के बारे में कहा कि संविधान के अनुसार, जो व्यक्ति नागरिकता प्राप्त कर चुका है, वही वोट डाल सकता है। उन्होंने बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण संविधान और लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत हो रहा है, जो हर चुनाव से पहले होता है। इस पुनरीक्षण में 22 साल बाद घर-घर जाकर यह जांचा जा रहा है कि मतदाता असल में है या नहीं। चौधरी ने यह भी कहा कि 2003 में भी गहन पुनरीक्षण के लिए सिर्फ एक महीना समय मिला था, और जातीय जनगणना भी एक महीने में हुई थी, जब महागठबंधन उनके साथ था।