स्वतंत्र समय, हैदराबाद
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले के तहत शुक्रवार को तेलंगाना के राजस्व मंत्री पी श्रीनिवास ( Srinivas ) रेड्डी और अन्य लोगों के परिसरों पर छापेमारी की। हैदराबाद सहित राज्य के पांच परिसरों में छापेमारी की गई।
Srinivas पर 5 करोड़ की घड़ियां खरीदने का आरोप
मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला श्रीनिवास ( Srinivas ) रेड्डी के बेटे राघव समूह के हर्ष रेड्डी के खिलाफ राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की शिकायत से सामने आया। उन पर पांच करोड़ रुपए की सात घडिय़ां खरीदने का आरोप है। इसका भुगतान 100 करोड़ रुपए के हवाला और क्रिप्टो करेंसी रैकेट से जुड़ा है। इस मामले में नवीन कुमार नाम का एक व्यक्ति ईडी की जांच के दायरे में है। 28 मार्च को हैदराबाद में एक परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी को समन भेजा गया था। इस कंपनी के निदेशक हर्षा रेड्डी है। पांच फरवरी को तस्करी का मामला दर्ज किया गया था, जब हांगकांग स्थित भारतीय मुहम्मद फहरदीन मुबीन के पास से चेन्नई में दो लक्जरी घडिय़ां (पाटेक फिलिप 5740 और ब्रेगुएट 2759) जब्त की गई थी। घडिय़ों की असली कीमत 1.73 करोड़ रुपए है। पाटेक फिलिक का भारत में कोई डीलर नहीं है, जबकि भारतीय मार्केट में ब्रेगुएट का स्टॉक खत्म हो गया है।
सिद्धारमैया के खिलाफ लैंड स्कैम में एफआईआर
बेंगलुरु। कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) घोटाले मामले में एफआईआर दर्ज की है। कर्नाटक के एक स्पेशल कोर्ट ने लोकायुक्त टीम को जांच का जिम्मा सौंपा है। दरअसल, कर्नाटक गवर्नर थावर चंद गहलोत ने 16 अगस्त को इस घोटाले में सिद्धारमैया के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। सिद्धारमैया इसके खिलाफ हाईकोर्ट गए, लेकिन 24 सितंबर को अदालत ने भी कहा कि जांच का आदेश सही है, ये होनी चाहिए। सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले और कुछ अधिकारियों का नाम एमयूडीए लैंड स्कैम में आया है। एक्टिविस्ट टीजे अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा ने आरोप लगाया था कि सीएम ने एमयूडीए अधिकारियों के साथ मिलकर 14 महंगी साइट्स को धोखाधड़ी से हासिल किया। 24 सितंबर को हाईकोर्ट ने एमयूडीए स्कैम में सिद्धारमैया के खिलाफ जांच करने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत के आदेश को बरकरार रखा था। जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने राज्यपाल के आदेश के खिलाफ सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा-याचिका में जिन बातों का जिक्र है, उसकी जांच जरूरी है। केस में मुख्यमंत्री का परिवार शामिल है, इसलिए याचिका खारिज की जाती है।