नफरत और भेदभाव! Fiji में ऐतिहासिक 100 साल पुराने शिव मंदिर में तोड़फोड़, गुस्से में भारतीय

Fiji एक ऐसा देश जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है, हाल ही में एक दुखद और निंदनीय घटना का गवाह बना। फिजी के एक ऐतिहासिक 100 साल पुराने शिव मंदिर में अज्ञात उपद्रवियों द्वारा तोड़फोड़ की गई, जिसने न केवल स्थानीय हिंदू समुदाय बल्कि विश्व भर के भारतीयों में आक्रोश पैदा कर दिया है। यह घटना नफरत और भेदभाव की उस मानसिकता को उजागर करती है, जो धार्मिक स्थलों को निशाना बनाकर सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करती है।

Fiji: घटना का विवरण

Fiji के एक प्रमुख शहर में स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर में रात के समय कुछ असामाजिक तत्वों ने घुसपैठ की और मंदिर की पवित्र मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। मंदिर के शिवलिंग और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को निशाना बनाया गया, जिसे स्थानीय हिंदू समुदाय ने अपनी आस्था का केंद्र माना है। सुबह जब भक्त पूजा के लिए मंदिर पहुंचे, तो उन्होंने इस विध्वंस को देखकर स्तब्ध रह गए। मंदिर परिसर में बिखरे हुए मलबे और खंडित मूर्तियों ने समुदाय के बीच गहरी पीड़ा और गुस्से को जन्म दिया।

स्थानीय पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है, और सीसीटीवी फुटेज की मदद से दोषियों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिसने स्थानीय लोगों के बीच असंतोष को और बढ़ा दिया है।

Fiji: हिंदू समुदाय का आक्रोश

फिजी में रहने वाले हिंदू समुदाय ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। स्थानीय हिंदू संगठनों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित किए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। सोशल मीडिया पर भी इस घटना ने तूल पकड़ा, जहां भारतीय मूल के लोग और विश्व भर के हिंदू इस घटना को धार्मिक असहिष्णुता का प्रतीक मान रहे हैं। एक ट्वीट में लिखा गया, “फिजी के ऐतिहासिक शिव मंदिर पर हमला न केवल हिंदुओं की आस्था पर चोट है, बल्कि यह मानवता के खिलाफ अपराध है।”

भारत में भी इस घटना ने व्यापक प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। भारतीय समुदाय ने फिजी सरकार से इस मामले में त्वरित कार्रवाई और मंदिर की पुनर्स्थापना की मांग की है। कई भारतीय नेताओं और सामाजिक संगठनों ने इस घटना को नफरत और भेदभाव का परिणाम बताया, जो वैश्विक स्तर पर धार्मिक सहिष्णुता की कमी को दर्शाता है।