स्वतंत्र समय, इंदौर
मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. इंदौर में भूमिगत मेट्रो कॉरिडोर (metro corridor) बनाने के लिए दोबारा टेंडर बुलाए हैं। ट्रेजर आयलैंड के आगे से एयरपोर्ट तक करीब आठ किलोमीटर लंबे हिस्से में भूमिगत मेट्रो निर्माण की लागत 2550 करोड़ रुपए आंकी गई है। इसमें सात अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन बनाने का काम भी शामिल है। ये मेट्रो स्टेशन रेलवे स्टेशन, राजवाड़ा, छोटा गणपति, बड़ा गणपति, रामचंद्र नगर, कालानी नगर और एयरपोर्ट पर बनाए जाना हैं।
मेट्रो कंपनी ने तकनीकी कारणों से टेंडर किए निरस्त
पहले इस काम के लिए फरवरी में टेंडर बुलाए गए थे, जिन्हें मेट्रो कंपनी ने तकनीकी कारणों से निरस्त करते हुए नए सिरे से टेंडर बुलाए हैं। इसमें मेट्रो की दो लाइनों के लिए ट्विन टनल के अलावा क्रॉस पैसेज और रैंप आदि के काम भी किए जाएंगे। मेट्रो कंपनी काम करने की इच्छुक कंपनियों की प्री बिड मीटिंग भी रखेगी। अफसर चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने तक टेंडर आ जाएं और उनकी जांच का काम शुरू हो जाए। इससे सितंबर-अक्टूबर तक भूमिगत मेट्रो का काम शुरू किया जा सकेगा। इंदौर में मेट्रो कॉरिडोर (metro corridor) निर्माण के लिए यह अब तक सिविल वर्क का सबसे बड़ा टेंडर है। जो कंपनी काम लेगी, उसे 1456 दिन में काम पूरा करना होगा। कंपनी को सुरंग बनाने के साथ भूमिगत मेट्रो स्टेशन भी बनाना होंगे।
पश्चिमी रिंग रोड का होगा निर्माण
नेशनल हाईवेज अथॉरिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) ने शहर की पश्चिमी रिंग रोड के निर्माण के टेंडर खोलने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। दो हिस्सों में बनने वाली सिक्स लेन रोड के पैकेज-1 काम लेने के लिए 13 और पैकेज-2 का काम लेने के लिए 15 कंपनियों ने रुचि ली है। 34 किलोमीटर लंबे पैकेज-1 को बनाने का सबसे न्यूनतम आफर एमकेसी कंपनी ने दिया है। इस कंपनी ने 996 करोड़ रुपए में करने की पेशकश की है। एनएचएआई ने पैकेज-1 के निर्माण की अनुमानित लागत 1048.52 करोड़ रुपए आंकी थी। इसी तरह 30 किलोमीटर लंबे पैकेज-2 को बनाने का न्यूनतम आफर भी एमकेसी कंपनी ने दिया है। पैकेज-2 के निर्माण की अनुमानित लागत विभाग ने 942.71 करोड़ रुपए आंकी थी। माना जा रहा है कि बहुत जल्द दोनों पैकेज के निर्माण का काम उक्त कंपनी को सौंप दिया जाएगा।
जमीन मिलने के बाद शुरू होगा काम
अफसरों का कहना है कि पश्चिमी रिंग रोड के लिए 39 गांवों की करीब 1600 एकड़ जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया जारी है। नियमानुसार 75-80 प्रतिशत जमीन मिलने के बाद ही कांट्रेक्टर को एनएचएआई वर्कआर्डर दे सकेगी। उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में जमीन एनएचएआई को मिल जाएगी। 71 किमी लंबी पूर्वी रिंग रोड के निर्माण के टेंडर भी विभाग पहले ही बुला चुका है। इसकी लागत करीब 2200 करोड़ रुपए आंकी गई है। संभवत: अप्रैल तक यह काम लेने की इच्छुक कंपनियों की तकनीकी और वित्तीय निविदाओं की जांच पूरी हो जाएगी।