बांधवगढ़ नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है और यह राज्य के सबसे प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है. यह पार्क इतिहास और प्रकृति का अनोखा संगम है. कभी यह क्षेत्र रीवा रियासत के महाराजाओं का शिकारगाह हुआ करता था, लेकिन अब यह एक संरक्षित राष्ट्रीय उद्यान बन चुका है. 1968 में इसे नेशनल पार्क घोषित किया गया और बाद में यह प्रोजेक्ट टाइगर के तहत बाघ अभयारण्य के रूप में शामिल किया गया.
22 से अधिक स्तनधारी जानवर
बांधवगढ़ को रॉयल बंगाल टाइगर्स के सबसे ज्यादा घनत्व वाले क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. यहां बाघों को देखने की संभावना बहुत ज्यादा होती है, इसलिए यह पार्क टाइगर लवर्स और फोटोग्राफरों के बीच बेहद लोकप्रिय है. इसके अलावा यहां तेंदुआ, भालू, सांभर, नीलगाय, जंगली कुत्ते, लोमड़ी, सियार जैसे कई अन्य वन्य जीव भी देखे जा सकते हैं. पार्क में 22 से अधिक स्तनधारी प्रजातियां पाई जाती हैं, जो इसे जैव विविधता का खजाना बनाती हैं.
250 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां
पार्क की खूबसूरती सिर्फ जीव-जंतुओं तक ही सीमित नहीं है. यहां की हरियाली, ऊंची पहाड़ियां, गुफाएं, और झरने पर्यटकों को एक अलग ही दुनिया का अनुभव कराते हैं. पक्षी प्रेमियों के लिए यह स्थान किसी स्वर्ग से कम नहीं है, क्योंकि यहां 250 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां देखने को मिलती हैं. जंगल सफारी का आनंद लेते हुए आप बांधवगढ़ के अंदर स्थित प्राचीन किले के खंडहरों को भी देख सकते हैं, जो इसे और भी रोमांचक बनाते हैं. कुल मिलाकर, बांधवगढ़ नेशनल पार्क प्रकृति, रोमांच और शांति का बेहतरीन मेल है, जो हर प्रकृति प्रेमी को एक बार जरूर देखना चाहिए.