शुक्रिया 2023 : आखिर स्मार्ट ट्रैफिक की फिक्र अब 2024 में कम से कम टॉप टेन की तो उम्मीद

स्वतंत्र समय, इंदौर

बढ़ती आबादी और वाहनों के तेजी से पसरने के साथ ही निर्माण कार्यों ने यातायात की गंभीर फिक्र 2023 के बीतते-बीतते जता दी है। शुक्र इस बात का है कि बढ़ती आबादी के बोझ, निर्माण कार्यों की बढ़ोतरी, मेट्रो की ऊंचाई के बीच प्रशासनिक स्तर पर ईमानदारी से माना गया कि ट्रैफिक बेतहाशा हो रहा है और अब फिक्र नहीं पाली तो स्मार्ट नगरी जाम नगरी में बदल जाएगी। दिसंबर में ट्रैफिक को बेहतर करने की ईमानदार कोशिशें शुरू हुई हैं और अच्छे मिशन के लिए अच्छी नीयत का नतीजा 2024 में देखने की उम्मीद की जा सकती है। खास तौर से सिग्नल टाइमिंग, येलो बॉक्स, लेफ्ट टर्न के साथ ही अतिक्रमणों पर सख्ती ने जता दिया है कि प्रशासन ट्रैफिक को लेकर संजीदा है और आम नागरिक के दर्द के साथ खड़ा है। असल में बढ़ते ट्रैफिक ने सांसों को भी दूभर कर दिया है। स्वच्छता में सिरमौर शहर ने शुद्ध हवा का पायदान भी इस साल छुआ, ऐसे में अब अपना इंदौर 2024 में नंबर वन आ जाए तो इसे स्मार्ट की बजाय एक्स्ट्रा स्मार्ट सिटी कहना गलत नहीं होगा।

2023 पर निगाह डालें तो शहर के प्रथम नागरिक पुष्यमित्र भार्गव ने बेहतर ट्रैफिक के लिए बहुतेरी कोशिश शुरू की है। हां, यह भी सच है कि अभी प्रयोगिक स्तर पर हैं और निर्माण कार्यों व चुनावी साल होने से इन पर असल परीक्षण नहीं हो पाया। कुछ प्रयोग रह गए तो कुछ आगे का रास्ता बताने वाले मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।

अतिक्रमणकर्ताओं पर दिखी सख्ती

बरसों से सडक़ों पर कब्जाए बैठे दुकानदारों पर भी प्रशासन की सख्ती गुजरते साल में नजर आई। यही वजह है कि प्रशासन ने कई पक्के ठिये गिरा दिए। कार्रवाई का सबल पक्ष यह रहा कि किसी की नहीं सुनी गई, ऐसे में यातायात की सहूलियत के लिए यह भी हौसला-भरा काम था, लेकिन इसमें कई केवल राजबाड़ा के निकटवर्ती इलाकों के अलावा शहर में तितर-बीतर फैले हॉकर्स जोन को बख्शना अनुचित भी है। ऐसे में इस दिशा में सुदृढ़ ईमानदार और भेदभावरहित कोशिशों की सख्त जरूरत भी है।

नो कार डे अच्छा और दूरगामी प्रयोग

इस साल महापौर ने नो कार डे का ऐलान किया। हालांकि यह इंदौर की बढ़ती कार आबादी के लिहाज से अच्छा प्रयोग किया जा सकता है लेकिन इसमें गांधीगिरी के साथ सख्ती की जरूरत अब महसूस होने लगी है। जिस तरह से शहर की आबादी के अनुपात में चार लाख कारों का जखीरा खड़ा हो गया है, वह शुद्ध हवा के लिहाज से बेहद तकलीफदेह है। स्वास्थ्य वेंटिलेटर पर पहुंचे, उसके पहले जागना जरूरी है।

शहर की हस्तियों ने अपनाए सार्वजनिक वाहन, कार से बनाई दूरी

महापौर ने 22 सितंबर को नो कार दिवस को इंदौर में मनाने का साहसिक फैसला लिया। सबसे अद्भुत और अच्छी पहल प्रशासनिक स्तर पर हुई। इस कारण इंदौर के प्रथम नागरिक पुष्यमित्र भार्गव, सांसद शंकर लालवानी ने ई-स्कूटर चलाई तो जिले के मुखिया सिटी बस में नजर आए। वहीं संभागायुक्त पैदल अपने दफ्तर पहुंचीं थीं। वहीं हाई कोर्ट जज ने भी कार छोडक़र दोपहिया को अपनाया। यह प्रयोग दूरगामी प्रयोग के लिहाज से अच्छा है, बल्कि हफ्ते में एक दिन कारों को घर पर छोडऩे का फैसला शहर के वातावरण और यातायात के लिए बेहतर होगा। इस प्रयोग में यहां तक कि किसी तरह की दलगत मानसिकता भी नजर नहीं आई। भाजपा के साथ कांग्रेस भी एक मंच पर खड़े नजर आई।

प्रशासन के ये प्लान और फैसले स्वागत योग्य…

  1. लेफ्ट टर्न चौड़ा करने का फैसला, इसके लिए अतिक्रमित हिस्सों के चिन्हांकन का फैसला। कई लेफ्ट टर्न हटाने का फैसला भी स्वागतयोग्य।
  2. ई-रिक्शा के संचालन और ट्रैफिक की दृष्टि से वन वे प्लानिंग ट्रैफिक इंजीनियरिंग जैसे विषय इन सभी को स्टडी कर के फ़ेस वाइस शुरू करने की घोषणा
  3. अनियमित और बिना प्लान खुदाई को स्वीकार कर इसे बेहतर ढंग से अंजाम देने का प्लान
  4. लेंटर्न चौराहे पर येलो बॉक्स के प्रयोग की शुरुआत
  5. हाई कोर्ट तिराहे पर सिग्नल वन रोड एट ए टाइम किया गया है यानी अब यह सिग्नल एक  साथ ही खुलेगा। अब तक राइट टर्न के लिए अलग सिग्नल खुलना बंद होगा।

यहां ट्रैफिक के लिए फोकस और साहसिक फैसलों की जरूरत…

  1. राजबाड़ा सहित मध्यवर्ती बाजार बर्तन बाजार,मारोठिया, बोहरा बाजार, रामलक्ष्मण बाजार, निहालपुरा, आड़ा बाजार को अब नो ट्रैफिक जोन किए जाने की जरूरत
  2. राजबाड़ा जैसी विरासत बचाने के लिए सिटी बसों का संचालन रोकें, बस स्टैंड संजय सेतु पर शिफ्ट किया जाए।
  3. सिग्नल फ्री चौराहों पर सबसे ज्यादा काम करने की जरूरत।
  4. अन्नपूर्णा और राजेंद्र नगर की बड़ी यातायात आबादी को रोकने के लिए कलेक्टोरेट, मोती तबेला व हरसिद्धि पर वाहनों के डायवर्शन का मजबूत प्लान।
  5. कलेक्टोरेट, मोती तबेला व हरसिद्धि पर डायवर्शन के साथ ही टू-व्हीलर और फोर व्हीलर के लिए मल्टीलेवल पार्किंग का प्लान।
  6. ई-रिक्शा इस समय ऑटो, मैजिक, सिटी बस, वैन आदि का विकल्प बन लंबी दूरी की सवारी तय कर रहे हैं, इन्हें कॉलोनियों व सर्विस रोड पर शिफ्ट किया जाए।
  7. रोटरी ट्रैफिक नियंत्रण में उपयोगी, अनावश्यक रूप से हटाने की बजाय बेहतर ढंग से संचालन का जरिया बनाएं।
  8. एमजी रोड के ट्रैफिक के लिए बेहतर डायवर्शन प्लान राजकुमार और । 2024 में स्वीकृति मिलते ही रेलवे की ओर से एमजी रोड का शास्त्री ब्रिज टूटकर नया बनना है।
  9. जवाहर मार्ग के समानांतर सडक़ का विकल्प बियाबानी से शुरू करने की जरूरत।
  10. शहर के हित में बीआरटीएस के व्यस्ततम चौराहों एलआईजी, इंडस्ट्रियल तिराहा, पलासिया, तेजपुर गड़बड़ी आदि पर मिक्स लेन की इजाजत मिले।
  11. सडक़ों पर वाहनों की पार्किंग को लेकर सख्ती की जरूरत। खास तौर से चार पहिया वाहन जाम बढ़ाने में मददगार बन रहे।
  12. मॉल्स के सामने पार्किंग कल्चर पर सख्ती से रोक की जरूयरत। 56 देश में पहचान लेकिन पार्किंग सबसे बुरी। रात में सराफा में भी यही हाल।