मध्यप्रदेश के इंदौर का एक प्रसिद्द और अति प्राचीन मंदिर, जहां एक साथ 9 देवी विराजमान है। इस मंदिर का नाम है मां बिजासन माता मंदिर, जो कि शहर के पश्चिम क्षेत्र में देवी अहिल्या बाई होलकर एयरपोर्ट के पास स्थित पहाड़ी की चोटी पर है। बिजासन माता मंदिर इंदौर एयरपोर्ट से बिल्कुल पास में है। यहां निजी वाहनों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट से भी आसानी से पहुंचा जा सकता है।
माना जाता है कि ये मंदिर लगभग एक हजार साल से ज्यादा पुराना माना जाता है। बिजासन माता मंदिर के गर्भ गृह में मातारानी के 9 स्वरूप विराजमान है। यहां 9 स्वरूपों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा,स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री है। मातारानी की 9 पिंडिया स्वयंभू रूप से विराजमान है, इन्हे 9 बहनें माना जाता है। इस मंदिर में शिवजी, काल भैरव और हनुमानजी भी विराजमान है।
बिजासन माता को सौभाग्य और संतानदायिनी माना जाता है। नवविवाहित जोड़े यहां संतान की मनोकामना लेकर मातारानी के दरबार में आते है। वैसे तो आम दिनों में इस मंदिर में फाफी श्रद्धालु आते है, लेकिन नवरात्रि के पर्व पर श्रद्दालु बड़ी दूर-दूर से बिजासन माता के दर्शन करने आते है।
माना जाता है कि हजारो सालों पूर्व मातारानी एक छोटे से चबूतरें पर विराजमान थी। इंदौर के महाराजा शिवाजी राव होलकर ने संतान के लिए इस मंदिर में मन्नत की थी। संतान प्राप्ति होने के बाद उन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया।
पहाड़ पर विराजमान बिजासम माता को शहर की कुलदेवी के रुप में पुजा जाता है। इन्हें विजय की देवी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि आल्हा-ऊदल जब युद्ध के लिए जाते थे, तब वे इस रास्ते पर पड़ाव डालकर सबसे पहले बिजासन माता की पूजा-अर्चना करते थे। इसके बाद ही वे आगे बढ़ते थे।