KL Rahul: भारतीय सलामी बल्लेबाज केएल राहुल ने इंग्लैंड दौरे पर अपनी बल्लेबाजी से सबका ध्यान खींचा है। टेस्ट सीरीज के पहले तीन मैचों में उन्होंने 2 शतक जड़कर 375 रन बनाए, जिसमें उनका औसत 62.50 रहा। इस शानदार प्रदर्शन ने उनकी टेस्ट करियर को नई जिंदगी दी है, जो 2022 में कुछ ठहर सा गया था।राहुल का यह पुनर्जनन केवल टेस्ट क्रिकेट तक सीमित नहीं है। 2023 वनडे विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार के बाद उनके करियर में भूचाल आ गया था।
उन्हें अपनी आईपीएल टीम से बाहर कर दिया गया और टी20 टीम में भी उनकी जगह छिन गई। कई लोगों ने उन्हें एक ऐसा खिलाड़ी माना, जो अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर पाया। लेकिन, अब करीब एक साल बाद, राहुल ने 2025 चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई और टेस्ट टीम में सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की।
2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद से राहुल ने सलामी बल्लेबाज के रूप में 43.40 की औसत से रन बनाए, जो उनके टेस्ट करियर के कुल औसत 35 से कहीं बेहतर है। उन्होंने 8 मैचों में 651 रन बनाए, जिसमें इंग्लैंड में दो शतक शामिल हैं।
राहुल की प्रतिभा पर शास्त्री का बयानपूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री राहुल के इस प्रदर्शन से बेहद खुश हैं। आईसीसी रिव्यू पॉडकास्ट में शास्त्री ने कहा, “दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो, जिसने राहुल की प्रतिभा पर सवाल उठाया हो। लेकिन लोगों को यह खलता था कि इतनी प्रतिभा होने के बावजूद वे लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। इस सीरीज में हम राहुल का सर्वश्रेष्ठ रूप देख रहे हैं।”
राहुल की तकनीक में बदलाव2024 टी20 विश्व कप से बाहर होने के बाद राहुल ने अपनी बल्लेबाजी तकनीक में बदलाव किया। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लंबे तेज गेंदबाजों का डटकर सामना किया और मुश्किल पिचों पर शानदार बल्लेबाजी की। 2025 चैंपियंस ट्रॉफी में उन्होंने नियंत्रित आक्रामकता के साथ रन चेज को स्टाइल में पूरा किया।
शास्त्री ने राहुल की नई तकनीक की तारीफ करते हुए कहा, “राहुल ने अपने फ्रंट फुट, स्टांस और डिफेंस में थोड़ा बदलाव किया है। अब उनका बल्ला खुलकर सामने आता है। मिड-विकेट की ओर शॉट खेलते समय वे बल्ले का पूरा फेस इस्तेमाल करते हैं, जिससे पहले की तरह बल्ला बंद करने या ज्यादा आगे बढ़ने की गलती नहीं होती। पहले वे अक्सर एलएबीडब्ल्यू या बोल्ड हो जाया करते थे, लेकिन अब उनकी तकनीक काफी मजबूत हो गई है।”
शास्त्री ने यह भी कहा कि इस सीरीज में भले ही गेंद ज्यादा स्विंग न हुई हो, लेकिन जब गेंद मूव हुई, तब भी राहुल ने उसका बखूबी सामना किया। राहुल की यह वापसी न केवल उनके लिए, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है।