एमपी में नक्सलियों का सबसे बड़ा ठिकाना बेनकाब, जमीन के भीतर छिपे हथियारों-विस्फोटकों के साथ भारी नकदी बरामद

मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में चल रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन के तहत पुलिस को अब तक की सबसे बड़ी सफलता हाथ लगी है। नक्सलियों के खिलाफ लगातार जारी कार्रवाई के बीच सुरक्षाबलों ने एक विशाल नक्सली डंप का खुलासा किया है। यह डंप उन नक्सलियों की निशानदेही पर बरामद हुआ है, जिन्होंने हाल ही में आत्मसमर्पण किया था। जंगल के भीतर अलग-अलग स्थानों पर जमीन खोदकर नक्सलियों ने हथियार, विस्फोटक और नकदी छिपाकर रखी थी, जिसे अब पुलिस ने बरामद कर लिया है। इस कार्रवाई को बालाघाट में नक्सल नेटवर्क की कमर तोड़ने वाली बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

जंगल में छिपा था आधुनिक हथियारों का जखीरा

पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार नक्सलियों ने जंगल के अंदर रणनीतिक तरीके से कई जगहों पर डंप तैयार कर रखे थे। जमीन के भीतर छिपाए गए इन ठिकानों से सेमीऑटोमैटिक राइफल, ग्रेनेड लॉन्चर, बड़ी संख्या में कारतूस, डेटोनेटर और अन्य अत्याधुनिक हथियार बरामद किए गए हैं। इसके अलावा विस्फोटक सामग्री, बारूद और मेडिकल किट भी जब्त की गई है, जो नक्सली लंबे समय तक जंगल में रहकर हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल करते थे। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह बरामदगी नक्सलियों की बड़ी साजिशों को नाकाम करने में मददगार साबित होगी।

जमीन में दबा मिला लाखों का कैश

हथियारों के साथ-साथ पुलिस को बड़ी मात्रा में नकदी भी मिली है। नक्सलियों ने लोहे के बॉक्स में करीब 11 लाख 57 हजार रुपये जमीन के अंदर छिपाकर रखे थे। यह रकम नक्सली संगठन की गतिविधियों, हथियारों की खरीद और नेटवर्क संचालन के लिए जमा की गई थी। नकदी की बरामदगी से साफ है कि नक्सली अभी भी इलाके में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन समय रहते पुलिस की कार्रवाई ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।

11 दिसंबर: मध्य प्रदेश के लिए ऐतिहासिक दिन

गौरतलब है कि 11 दिसंबर को मध्य प्रदेश ने नक्सलवाद के खिलाफ एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में बालाघाट के आखिरी दो सक्रिय नक्सलियों – दीपक उइके और रोहित – ने आत्मसमर्पण कर दिया। इसके साथ ही प्रदेश को औपचारिक रूप से नक्सल मुक्त राज्य घोषित किया गया। यह दिन प्रदेश के सुरक्षा बलों की कड़ी मेहनत, साहस और बलिदान का प्रतीक बन गया।

सीएम मोहन यादव का बड़ा बयान

इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि महज 42 दिनों के भीतर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ (एमएमसी) जोन में कुल 42 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिन पर 7 करोड़ 75 लाख रुपये का इनाम घोषित था। उन्होंने पुलिस और सुरक्षा बलों की सराहना करते हुए कहा कि उनके अदम्य साहस और बलिदान के कारण ही बालाघाट की धरती से ‘लाल सलाम’ को हमेशा के लिए आखिरी सलाम दिया गया। मुख्यमंत्री ने इसे प्रदेश की शांति और विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया।