स्कूलों में गूंजेगी गौरैया की चीं-चीं की आवाज स्याद्वाद विद्यालय में बच्चों ने गौरैया घोंसले बनाए-

बच्चे बोले- ओ री चिरैया,नन्हीं सी चिडिया अंगना में फिर से आजा ललितपुर करुणा इंटरनेशनल ललितपुर केंद्र ने गौरैया संरक्षण के लिए अभियान शुरू किया है।

केंद्राध्यक्ष अक्षय अलया की अध्यक्षता एवं संयोजक शिक्षक पुष्पेंद्र जैन के संयोजन में इन दिनों बच्चों में गौरैया घौंसलें बनाने के लिए प्रेरणा दी जा रही है।नगर के स्याद्वाद बाल संस्कार केंद्र में प्रधानाचार्य सीमा जैन एवं करूणा क्लब प्रभारी मेघा जैन के निर्देशन में बच्चों ने गौरैया घोंसले बनाए। जिन्हें बच्चों ने विद्यालय की स्याद्वाद वाटिका में लगाया।जिससे वह प्रातःकाल जब स्कूल पहुंचे तो उन्हें पक्षियों और गौरैया की चीं-चीं की मधुर आवाज सुनाई दे।

केंद्राध्यक्ष अक्षय अलया ने बच्चों को प्रेरणा दी की गर्मियों के दिनों में घर की छतों पर पक्षियों के लिए दाना- पानी अवश्य रखें।जिससे पक्षियों के लिए गर्मी में प्यास से बचाया जा सके और घरों में गौरैया घोंसला लगाएं जिससे गौरैया का संरक्षण हो सके।शिक्षाविद् जयशंकर द्विवेदी ने कहा कि नन्हीं गौरैया से हमारा संबंध बचपन से है।वह सुख और समृद्धि की प्रतीक है।इसके धूल स्नान की क्रिया को प्रकृति और मौसम से जोड़ा गया है।यानि जब गौरैया धूल में स्नान करें तो अधिक बारिश के संकेत मिलते हैं।गौरैया हमारे पर्यावरण की स्थिति को भी बतलाती है।

हमारी फसलों को हानि पहुंचाने वाले अल्फा एवं कटवर्म कीट को गौरैया खाकर फसलों की सुरक्षा करती है। गौरैया हमारे जीवन में मित्र की भूमिका निभाती है।उन्होंने कहा कि गौरैया पक्षी भगवान के भेजे हुए पोस्टमेन की तरह है।महामंत्री ध्रुव साहू ने बताया कि गौरैया संरक्षण अभियान नगर के रामरतन विद्या मंदिर जूनियर हाईस्कूल,जय गुरूदेव प्ले स्कूल चौकाबाग, प्रशांति विद्या मंदिर गांधीनगर, नरसिंह विद्या मंदिर, महावीर विद्या मंदिर में भी बच्चों को गौरैया घौंसलों के माध्यम से पक्षियों के संरक्षण की सीख शिक्षकों द्वारा दी जा रही है।

इस इस मौके जयशंकर द्विवेदी, गोविंद व्यास,कौशल किशोर गोस्वामी,अजय श्रीवास्तव,विनोद जैन,वीरेंद्र सोनू,विवेक तिवारी,संजीव सौंरया,प्रेमशंकर गुप्ता,प्रियांशु लोहिया,संजय अग्रवाल, रूपेश झां,लक्ष्मी सिरौठिया,साक्षी वर्मा, अलीशा,नम्रता,प्रतीक्षा,श्रष्टि मौजूद रहे विद्यालय के बच्चों ने गौरैया संरक्षण में अहम भूमिका निभाई और गौरैया घौंसलें बनाकर उन पर गौरैया की आकृति को दर्शाया।जिनमें प्रमुख भूमि अहिरवार, सौम्या रैकवार,खुशबू,मुस्कान,श्रेयांस रावत,राज राय,भूमि यादव,अनुसुइया,भारती,नंदिनी,मान्यता चौधरी,पूनम,विवेक,विनीत,देवेंद्र कुशवाहा प्रमुख रहे