इंदौर के वार्ड क्रमांक 83 के अंतर्गत स्कीम नंबर 71 क्षेत्र में खुली शराब दुकान के विरोध में स्थानीय नागरिकों का संघर्ष लगातार तेज़ होता जा रहा है। रहवासी संघ के नेतृत्व में यह आंदोलन अपने पाँचवे दिन में प्रवेश कर चुका है, और हर दिन के साथ इसमें जोश, समर्थन और भागीदारी बढ़ती जा रही है। समाज के हर वर्ग, विशेषकर महिलाओं की सक्रियता इस विरोध को एक नई दिशा दे रही है।
विधायक को सौंपा गया ज्ञापन
आंदोलन की अगली कड़ी में आज क्षेत्र की लोकप्रिय विधायक, आदरणीया मालिनी भाभी जी को एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें रहवासियों ने शराब दुकान के चलते उपजी सामाजिक समस्याओं, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, और क्षेत्र के नैतिक वातावरण पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभावों का विस्तृत उल्लेख किया। ज्ञापन में यह भी आग्रह किया गया कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए इस दुकान को तुरंत हटाया जाए।
पूर्व सांसद मोघे जी ने जताई सहानुभूति
पूर्व सांसद और महापौर, कृष्ण मुरारी मोघे जी, जो स्वयं इस क्षेत्र के निवासी हैं, को भी आंदोलनकर्ताओं ने एक अलग ज्ञापन सौंपा। मोघे जी ने रहवासियों की पीड़ा को गहराई से समझा और उन्हें भरोसा दिलाया कि वे इस जनहित के मुद्दे को उचित मंच पर उठाने में पूरी मदद करेंगे।
“हमें चाहिए सुकून, शराब नहीं!”
आज के विरोध कार्यक्रम की सबसे उल्लेखनीय पहल रही “मातृशक्ति हस्ताक्षर अभियान”, जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने भाग लेकर अपने हस्ताक्षर के माध्यम से विरोध दर्ज कराया। माताओं और बहनों ने एक स्वर में कहा “हमारे बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे, हमारे परिवारों में शांति बनी रहे, इसके लिए इस शराब दुकान को हटाया जाना आवश्यक है।” यह अभियान न केवल आंदोलन की ताकत को दर्शाता है, बल्कि समाज की असली चिंता और जागरूकता को भी उजागर करता है।
प्रशासन से भावनात्मक अपील, जल्द कार्रवाई की उम्मीद
रहवासी संघ ने जिलाधीश महोदय को भी भावनात्मक अपील करते हुए निवेदन किया है कि इस क्षेत्र की शांति, सुरक्षा और सामाजिक समरसता को बनाए रखने के लिए शराब दुकान को यथाशीघ्र हटाया जाए।
“शराब दुकान हटाओ, समाज बचाओ!”
यह आंदोलन केवल एक दुकान के खिलाफ विरोध नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतना का प्रतीक बन चुका है। रहवासियों का यह संगठित और शांतिपूर्ण प्रयास निश्चित ही प्रशासन को सोचने पर मजबूर करेगा और संभवतः आने वाले समय में सकारात्मक परिवर्तन की नींव रखेगा।