देश को मिलने जा रहा है नया क्रूज़ हब, पीएम मोदी कल करेंगे उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 सितम्बर को समुद्री क्षेत्र से जुड़ी 7,870 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इसी कड़ी में वे मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के इंदिरा डॉक पर बने मुंबई इंटरनेशनल क्रूज़ टर्मिनल का भी उद्घाटन करेंगे। यह देश का सबसे बड़ा क्रूज़ टर्मिनल है, जिसकी क्षमता हर साल लगभग 10 लाख यात्रियों को सेवाएं देने की है।

कब शुरू हुआ था निर्माण कार्य?

मुंबई इंटरनेशनल क्रूज़ टर्मिनल का निर्माण वर्ष 2018 में आरंभ हुआ था। कई चरणों के काम के बाद अब यह पूरी तरह यात्रियों के लिए तैयार है। लगभग 4.15 लाख वर्ग फुट में फैले इस टर्मिनल में आधुनिक तकनीक और विश्वस्तरीय सुविधाएं मौजूद हैं। इसमें 22 लिफ्ट, 10 एस्केलेटर और करीब 300 वाहनों की पार्किंग की सुविधा है। खास बात यह है कि यह टर्मिनल एक समय में दो बड़े क्रूज़ जहाजों को आसानी से हैंडल कर सकता है।

टर्मिनल की भव्य डिज़ाइन

इस क्रूज़ टर्मिनल की आंतरिक सज्जा भी यात्रियों को आकर्षित करती है। इसकी छत को समुद्री लहरों की आकृति में डिज़ाइन किया गया है, जिससे अंदर प्रवेश करने पर समुद्र जैसा अनुभव मिलता है। यहां इमिग्रेशन और सुरक्षा जांच की पूरी प्रक्रिया यहीं पूरी होगी, जिससे यात्रियों को किसी अतिरिक्त स्थान पर जाने की जरूरत नहीं होगी। अनुमान है कि रोजाना लगभग 10,000 यात्री यहां से यात्रा कर सकेंगे।

यात्रियों के लिए सुविधाएं

टर्मिनल को यात्रियों की सहूलियत और आराम को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। यहां मल्टी-लेवल कार पार्किंग, अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाएं, एस्केलेटर और लिफ्ट के साथ-साथ खाने-पीने के लिए रेस्टोरेंट और शॉपिंग ज़ोन भी बनाए गए हैं। यानी यह टर्मिनल सिर्फ ट्रैवल हब ही नहीं बल्कि एक मिनी एंटरटेनमेंट और हॉस्पिटैलिटी सेंटर भी होगा।

कहां स्थित है क्रूज़ टर्मिनल?

मुंबई इंटरनेशनल क्रूज़ टर्मिनल को शहर के बैलार्ड पियर स्थित मुंबई पोर्ट पर विकसित किया गया है। यहां विदेशी पर्यटकों के लिए विशेष चेक-इन और इमिग्रेशन काउंटर भी तैयार किए गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह टर्मिनल रोजाना करीब 5 क्रूज़ जहाजों को आसानी से संभाल सकता है।

भारत की समुद्री शक्ति का नया अध्याय

मुंबई इंटरनेशनल क्रूज़ टर्मिनल न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि यह भारत की समुद्री व्यापारिक और रणनीतिक शक्ति का भी प्रतीक बनेगा। इससे विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।