देश की सबसे आधुनिक ट्रेनों में गिनी जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह गर्व की नहीं, बल्कि शर्म की है। दरअसल, दिल्ली से भोपाल जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के लोको पायलट का एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसमें वह ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर इंजन से उतरकर खुले में पेशाब करता दिखाई दे रहा है। यह घटना स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर यात्रियों के सामने घटी, जिससे वहां मौजूद लोगों में हैरानी और नाराजगी दोनों देखने को मिली।
यात्रियों के सामने इंजन से उतरकर की शर्मनाक हरकत
वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि ट्रेन जैसे ही प्लेटफॉर्म पर पहुंची, लोको पायलट इंजन से उतरा और सीधे ट्रैक की ओर चला गया। इसके बाद उसने बिना किसी झिझक के खुले में पेशाब कर दिया। स्टेशन पर मौजूद यात्रियों में से एक ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया, जिसके बाद यह वीडियो वायरल हो गया। सोशल मीडिया पर लोग इस घटना की कड़ी आलोचना कर रहे हैं और रेलवे प्रशासन से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
स्वच्छ भारत मिशन को झटका, सुविधाएं होने के बावजूद लापरवाही
वंदे भारत जैसी अत्याधुनिक ट्रेन से जुड़ा यह मामला रेलवे के स्वच्छ भारत अभियान पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। ट्रेन के ड्राइवरों के लिए रेलवे स्टेशनों पर स्टाफ टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध रहती है, लेकिन इसके बावजूद लोको पायलट द्वारा खुले में ऐसा कदम उठाना अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना और अनुशासनहीन माना जा रहा है। रेलवे सूत्रों का कहना है कि लंबे समय से यह शिकायत उठाई जा रही है कि वंदे भारत जैसी ट्रेनों में लोको पायलटों के लिए इंजन के भीतर टॉयलेट सुविधा नहीं होती, जिससे कभी-कभी असुविधा होती है। लेकिन इस घटना में स्टेशन पर टॉयलेट मौजूद होने के बावजूद उसका उपयोग न करना पूरी तरह लापरवाही का उदाहरण है।
रेलवे नियमों का उल्लंघन और जांच की मांग
रेलवे के नियमों के अनुसार, किसी भी स्टेशन पर ट्रेन के रुकने के दौरान लोको पायलटों और स्टाफ को स्टेशन परिसर में बने टॉयलेट का उपयोग करने की अनुमति होती है। इसके बावजूद प्लेटफॉर्म पर खुले में पेशाब करना रेलवे नियमों और आचरण संहिता का उल्लंघन है। फिलहाल रेलवे अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। हालांकि स्वतंत्र मीडिया संस्थानों ने इस वायरल वीडियो की सत्यता की स्वतंत्र पुष्टि नहीं की है।
यात्रियों की नाराजगी और रेलवे की छवि पर असर
इस घटना के बाद यात्रियों में नाराजगी देखी जा रही है। सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल उठाया है कि जिस ट्रेन को “नए भारत की पहचान” कहा जाता है, उसके पायलट से ऐसी हरकत की उम्मीद नहीं की जा सकती। यह घटना न केवल रेलवे की छवि को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि यात्रियों के मन में भी असुरक्षा और असुविधा की भावना पैदा करती है। लोगों का कहना है कि यदि रेलवे कर्मी खुद स्वच्छता नियमों का पालन नहीं करेंगे, तो आम यात्रियों से कैसे उम्मीद की जा सकती है।