इंदौर में 13 अगस्त को महाराजा तुकोजीराव हॉस्पिटल (MTH) में जन्मी दो सिर, चार हाथ, दो दिल और दो पैर वाली बच्ची के परिजन डाक्टरों के मना करने के बाद भी उसे डिस्चार्ज कर घर ले गए। जन्म के बाद नवजात बच्ची को एमवाय अस्पताल में PICU (पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट) में ऑक्सीजन पर रखा गया था।
इस नवजात बच्ची के परिजनों ने लिखित रूप में कसेंट भी दे दिया कि बच्ची को कुछ भी होने पर जिम्मेदारी वे स्वयं लेंगे। एमवाय अस्पताल के डॉक्टर्स के मुताबिक बच्ची की स्थिति गंभीर थी, इसलिए उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। शनिवार की शाम उसके परिजनों ने अचानक छुट्टी लेने की इच्छा जताई। नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों ने उन्हें तब समझाने का प्रयास भी किया, लेकिन वो नहीं माने। दो सिर वाली बच्ची का रविवार को ही डिस्चार्ज प्रक्रिया पूरी की गई और उसके परिजन उसे अपने साथ घर ले गए।
खरगोन के मोथापुरा गांव की सोनाली पति आशाराम की यह पहली संतान है। फिल्हाल उसकी सोनोग्राफी समेत कुछ जांचे होना बाकी है। डिलेवरी 13 अगस्त को महाराजा तुकोजीराव हॉस्पिटल में हुई। यहां से बच्ची को एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया गया। डॉक्टर्स के मुताबिक बच्ची के मेन ऑर्गन्स एक ही होने से इस केस में भी सर्जरी कर दोनों धड़ों को अलग करने की एक प्रतिशत भी संभावना नहीं है।
उसके जन्म के बाद 24 घंटो में ये ऑब्जर्वेशन किया जा चुका है कि अगर एक बच्ची रो रही है तो दूसरी बच्ची के ऑर्गन्स मूवमेंट करने लगते है और उसकी भी नींद खुल जाती है। डॉक्टरों के अनुसार मेडिकल टर्मिनोलॉजी में इस विकृति के साथ जन्मे बच्चे को कंजोइंड ट्विन्स कहते है। ऐसे केस बहुत ही कम होते है।