ननिहाल से धुलवाई जा रही है भोजन की थाली,मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था भी लड़खड़ाई

(नितिन खातरकर आमला)
आमला। प्रदेश सरकार शिक्षा विभाग को लेकर आये दिन बड़े-बड़े दावे करती है. शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जाते है. जिससे प्रदेश में निवास करने वाले गरीबों के बच्चे सरकारी विद्यालयों में ही पढ़कर निजी विद्यालयों की तरह शिक्षा ग्रहण कर सके. इसके लिए सरकार द्वारा मुफ्त किताबें, ड्रेस, जूते, मोजे, स्वेटर और मध्यान्ह भोजन बच्चों को उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन जिले के ऐसे कई विद्यालय है, जहां शिक्षकों की मनमानी के चलते ऐसे नौनिहालों का भविष्य अंधकार में दिख रहा है।

दरअसल मामला आमला ब्लॉक के शासकीय एकीकृत माध्यमिक शाला जम्बाड़ी खुर्द का है. जहां शाला के बच्चो द्वारा अपनी अपनी भोजन थाली(भोजन प्लेट) धूलवाई जाती हैं। जिस कारण नैनीहाल बच्चो की नाराजगी देखी जाती परन्तु ननिहाल किसे बताएंगे इस तरह की व्यवस्था लगभग ब्लॉक के सभी शालाओ में देखी जा सकती है । जब ऐसे हालात में जहां बच्चे किताबों की बजाए थाली भोजन प्लेट धोने को लगाकर शिक्षा ग्रहण कर रहे है. पढ़ाई के नाम पर बच्चों के साथ जमकर खिलवाड़ किया जा रहा है। वहीं इन हालात को देखते हुए जब गांव के ग्रामीणों से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि शिक्षक देर से आते हैं. जिससे बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाती है. मजबूरन हम लोगों को अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने के लिए सोचना पड़ता है. हम गरीब वर्ग के लोगों के पास इतने पैसे नहीं हैं, जिससे अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा दिलवा सके और शासकीय विद्यालय की स्थिति किसी से छुपी नहीं है. विद्यालय में शिक्षक अपने मनमाने समय से आते हैं ताला खोलते हैं जबकि बच्चे स्कूल खुलने के पहले ही स्कूल परिसर में पहुंचकर विद्यालय खुलने का इंतजार करते रहते हैं और जब हम ग्रामीणों द्वारा इस बात का विरोध किया जाता है तो हमारी बात में कोई ध्यान नहीं देता।


मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था भी लड़खड़ा गई।
सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था भी इन दिनों लडख़ड़ा गई है और बच्चों को मेनू के अनुसार खाना नहीं मिल रहा है। सरकारी स्कूलों के मध्यान्ह भोजन में मंगलवार को मेन्यू के अनुसार पूरी,खीर/हलवा, मूंगबड़ी और आलू टमाटकर की सब्जी मिलनी चाहिए लेकिन बच्चों को केवल चावल,दाल और सब्जी दिया जाता है. जब बच्चों से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि कभी भी पूरी,खीर, हलवा आदि नहीं मिलता है. और जिम्मेदार जमकर ननिहाल बच्चो के मुंह का निवाला डकार रहे हैं।
इनका कहना……..
मुझे बच्चों द्वारा प्लेट धुलवाने की जानकारी मिली है मैं जांच करवाता हूं।
मनीष धोटे बीआरसी अधिकारी आमला