इस राज्य में सरकार ने किया ऐलान, अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेंगे स्कूल और कॉलेज

मणिपुर में पिछले एक साल से अधिक समय से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा और झड़पों का सिलसिला जारी है। इस जातीय तनाव ने राज्य को गंभीर संकट में डाल दिया है, जिससे अब तक सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं, और इस हिंसा ने राज्य के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को बुरी तरह प्रभावित किया है।

स्थिति के और बिगड़ने के बाद, मणिपुर सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनमें सुरक्षा बलों की तैनाती, प्रभावी कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाना, और प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित करने के प्रयास शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने हिंसा के शिकार लोगों के लिए सहायता और पुनर्वास की योजना बनाई है।

संघीय सरकार भी इस संकट पर नजर बनाए हुए है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर समाधान तलाशने की कोशिश कर रही है। हालांकि, इस संघर्ष का समाधान एक चुनौतीपूर्ण कार्य बन चुका है, और इसे समाप्त करने के लिए संवाद और समझौते की आवश्यकता होगी।

मणिपुर सरकार ने राज्य में बिगड़ती स्थिति और हिंसा के मद्देनजर 27 नवंबर से कर्फ्यू वाले इलाकों में शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग और जिरीबाम जिलों के लिए लागू किया गया है, और इन क्षेत्रों में सभी स्कूल और कॉलेज अगले आदेश तक बंद रहेंगे।

यह निर्णय हालात की गंभीरता को देखते हुए लिया गया है, ताकि छात्रों और शैक्षणिक संस्थान की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सरकार ने कहा है कि यह कदम राज्य में शांति और सुरक्षा बहाल करने के लिए उठाया गया है, और शैक्षणिक गतिविधियाँ पुनः शुरू करने के बारे में बाद में फैसला लिया जाएगा।

16 नवंबर को मणिपुर और असम में जिरी और बराक नदियों के पास तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने के बाद से इन इलाकों में स्थिति और भी बिगड़ गई थी। इस घटना के बाद से घाटी जिलों में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए थे।

शिक्षा निदेशालय ने इस संदर्भ में एक आदेश जारी करते हुए कहा कि घाटी जिलों में सभी सरकारी, निजी और केंद्रीय स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे। यह कदम सुरक्षा के दृष्टिकोण से उठाया गया है, ताकि छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों के कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

स्थिति को देखते हुए, राज्य सरकार ने शैक्षणिक गतिविधियों को रोकने का फैसला लिया है और अगले आदेश तक स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने की घोषणा की है।

इंफाल घाटी में नागरिक समाज संगठन कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटिग्रिटी (कोकोमी) ने राज्य और केंद्र सरकार के कार्यालयों को दो दिनों तक बंद रखने का ऐलान किया है। यह कदम संगठन की मुख्य मांग के समर्थन में उठाया गया है, जिसमें सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को मणिपुर से हटाने और कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।

कोकोमी का कहना है कि AFSPA राज्य में मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है और यह राज्य के नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है। इसके साथ ही, संगठन ने कुकी उग्रवादियों द्वारा राज्य में हो रही हिंसा और असुरक्षा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

यह विरोध प्रदर्शन राज्य और केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का एक तरीका है, ताकि वे इन मुद्दों पर तत्काल ध्यान दें और राज्य में शांति बहाली के लिए प्रभावी कदम उठाएं।