Toll Tax Free को लेकर सरकार का आया नया नियम, टोल प्लाजा मुक्त यात्रा का सपना जल्द होगा साकार, वाहन चालकों की सारी टेंशन हो गई खत्म

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि जल्द ही भारत में हाईवे पर सफर के दौरान टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत खत्म हो जाएगी। सरकार जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) आधारित टोल वसूली प्रणाली लागू करने जा रही है। इस नई तकनीक के तहत, वाहन की लोकेशन को ट्रैक करके टोल शुल्क वसूला जाएगा।

नई प्रणाली की प्रमुख विशेषताएं

1. जीपीएस आधारित प्रणाली: वाहन पर लगाए गए जीपीएस डिवाइस के जरिए उसकी लोकेशन को ट्रैक किया जाएगा।
2. सीमलेस टोल कलेक्शन: जितनी दूरी वाहन ने हाईवे पर तय की है, उसके आधार पर टोल की राशि तय होगी।
3. बैंक खाते से कटौती: टोल की राशि सीधे वाहन मालिक के बैंक खाते से स्वचालित रूप से कट जाएगी, जिससे टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी।
4. भीड़भाड़ में कमी: इस प्रणाली के लागू होने से टोल प्लाजा पर लंबी कतारें और जाम की समस्या समाप्त हो जाएगी।
5. पारदर्शिता: टोल वसूली की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, जिससे टोल संचालन में होने वाली अनियमितताएं खत्म होंगी।

यह पहल देश में परिवहन प्रणाली को अधिक आधुनिक और कुशल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जीपीएस आधारित टोल प्रणाली भारत में परिवहन को अधिक कुशल, पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:

कैसे काम करेगा यह सिस्टम?

1. जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस
प्रत्येक वाहन में एक जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस अनिवार्य रूप से लगाया जाएगा। यह डिवाइस वाहन की लोकेशन और उसकी यात्रा की दूरी को ट्रैक करेगा।

2. यात्रा दूरी के आधार पर टोल शुल्क
वाहन जितनी दूरी हाईवे पर तय करेगा, उसी के आधार पर टोल शुल्क स्वत: निर्धारित होगा। उदाहरण: 10 किमी की यात्रा के लिए ₹10 का शुल्क।

3. ऑटोमैटिक पेमेंट
टोल शुल्क सीधे वाहन मालिक के लिंक्ड बैंक खाते या डिजिटल वॉलेट से कट जाएगा।
• फास्ट और कॉन्टैक्टलेस प्रोसेस: टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता समाप्त होगी।

4. निजी और कमर्शियल वाहनों पर लागू
• यह प्रणाली पहले से कमर्शियल वाहनों पर लागू है।
• अब इसे चरणबद्ध तरीके से सभी निजी वाहनों पर लागू किया जाएगा।

जीपीएस आधारित टोल के फायदे

1. समय की बचत
टोल प्लाजा पर रुकने का झंझट खत्म होगा, जिससे यात्रा तेजी से पूरी होगी।

2. ईंधन की बचत
बार-बार रुकने और चलने से ईंधन की खपत में कमी आएगी।

3. पारदर्शिता
जीपीएस प्रणाली के कारण टोल वसूली में कोई गड़बड़ी नहीं होगी। वाहन मालिक को यात्रा का पूरा रिकॉर्ड मिलेगा।

4. सरकार का राजस्व बढ़ेगा
अनुमान के अनुसार, नई प्रणाली से सरकार का टोल कलेक्शन 5 वर्षों में ₹1.34 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है।

5. पर्यावरण के अनुकूल
कम रुकावट और ईंधन बचत से प्रदूषण में कमी आएगी।

चुनौतियां और समाधान

चुनौती समाधान

पुराने वाहनों में जीपीएस डिवाइस लगाना मुश्किल: सरकार सब्सिडी देने और नि:शुल्क जीपीएस डिवाइस इंस्टॉलेशन के लिए योजना बना रही है। इसके साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी विस्तार: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा। सरकार ने इसके लिए कंपनियों के साथ साझेदारी की है।