सरकार ने खोले सुझावों के द्वार, नागरिकों की भागीदारी से बनेगा बजट 2026

भारत सरकार ने यूनियन बजट 2026 की तैयारियों के तहत आम जनता से सीधे सुझाव आमंत्रित किए हैं। सरकार का उद्देश्य है कि नई नीतियां और योजनाएं बनाते समय लोगों की जरूरतों और अपेक्षाओं को भी शामिल किया जाए। इसी क्रम में MyGovIndia ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर एक पोस्ट साझा कर नागरिकों से इस प्रक्रिया में भागीदारी करने की अपील की है।

MyGov के जरिए रख सकते हैं अपनी बात

सरकार की ओर से एक्स पर साझा किए गए संदेश में कहा गया है कि बजट जनता की सोच और आकांक्षाओं के अनुरूप होना चाहिए। MyGov प्लेटफॉर्म के माध्यम से कोई भी नागरिक यह सुझाव दे सकता है कि आने वाले बजट में किन क्षेत्रों पर सरकार को खास ध्यान देना चाहिए। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि, टैक्स व्यवस्था और बुनियादी सुविधाओं जैसे मुद्दों पर आम लोगों की राय सीधे सरकार तक पहुंचेगी।

वित्त मंत्री ने कीं कई दौर की प्री-बजट बैठकें

बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिल्ली में कई चरणों में प्री-बजट मीटिंग्स आयोजित कीं। इन बैठकों की शुरुआत देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों से चर्चा के साथ हुई। इसके बाद किसान संगठनों और कृषि विशेषज्ञों से बातचीत कर उनकी समस्याएं और सुझाव सुने गए। सरकार ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि हर वर्ग की आवाज बजट प्रक्रिया का हिस्सा बने।

MSME, स्टार्टअप और अन्य सेक्टर्स से भी हुई चर्चा

प्री-बजट बैठकों में MSME सेक्टर, कैपिटल मार्केट, स्टार्टअप्स, मैन्युफैक्चरिंग, बैंकिंग और इंश्योरेंस, आईटी सेक्टर, पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से भी राय ली गई। इसके अलावा ट्रेड यूनियन और श्रमिक संगठनों के साथ भी चर्चा हुई, ताकि रोजगार, वेतन और श्रम सुधारों से जुड़े मुद्दों को बजट में सही तरीके से शामिल किया जा सके।

उद्योग संगठनों ने रखीं अहम मांगें

कुछ समय पहले उद्योग संगठनों ने भी सरकार को अपने सुझाव सौंपे। PHDCCI जैसे संगठनों ने खासतौर पर MSME सेक्टर के लिए टैक्स प्रणाली को सरल बनाने, कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने और नियमों को आसान करने की मांग की। उनका कहना था कि इससे छोटे उद्योगों पर खर्च का बोझ कम होगा, कामकाज में तेजी आएगी और वे घरेलू व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।

1 फरवरी को पेश होगा केंद्रीय बजट

यह बजट ऐसे समय में पेश किया जा रहा है जब देश की आर्थिक स्थिति मजबूत मानी जा रही है। GDP के आंकड़े सकारात्मक हैं और महंगाई भी काफी हद तक नियंत्रण में है। हर साल की तरह इस बार भी केंद्रीय बजट 1 फरवरी को संसद में पेश किया जाएगा। उससे पहले वित्त मंत्रालय, विभिन्न सचिवों और अलग-अलग क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ लगातार बैठकों के जरिए बजट को अंतिम रूप दिया जा रहा है, ताकि यह देश के समग्र विकास में अहम भूमिका निभा सके।