मिलावटखोरी का दोषी पाये जाने पर सरकार चलाएगी बुलडोजर!

स्वतंत्र समय, भोपाल

मप्र में मिलावटखोरी करने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत मिलावटखोरों के खिलाफ बुलडोजर चलाया जाएगा। इस संदर्भ में मुख्य सचिव वीरा राणा के दिशा निर्देश पर प्रदेशभर में इन दिनों मिलावटखोरी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है, जहां प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में मिलावट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बड़ी तैयारी की जा रही है। मिलावट खोरी के खिलाफ अभियान को लेकर शासन से लेकर प्रशासन स्तर तक टीम तैयार हो चुकी है, जहां जल्द मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा। आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रक सुदाम खाडे का कहना है कि मिलावट के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं। दूध में मिलावट की ज्यादा शिकायतें आती हैं। नमूनों की जांच के लिए तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। अभियान चलाकर जांच की जाएगी।

मुख्य सचिव मिलावटखोरी पर हुईं सख्त

गत दिनों मुख्य सचिव वीरा राणा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर प्रदेश के समस्त संभागायुक्त एवं जिला कलेक्टरों के साथ समीक्षा बैठक की है। राणा ने भारत सरकार एवं राज्य सर्विलांस प्लान अनुसार खाद्य पदार्थों की नियमित रूप से जांच करने और उसके आधार पर मिलावटी क्षेत्रों का चिन्हांकन कर प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए। राणा ने कहा कि, जिला स्तर पर खाद्य सुरक्षा, नापतौल, दुग्ध संघ एवं पुलिस आदि विभागों से सम्मिलित विशेष निगरानी दलों का गठन कर खाद्य पदार्थों में गुणवत्ता की निगरानी की जाए। जिलों में स्थित दुग्ध केंद्र, चिलिंग प्लांट एवं कलेक्शन सेंटर पर चलित प्रयोगशालाओं के माध्यम से दूध तथा दूध से बने हुये विभिन्न खाद्य पदार्थों में गुणवत्ता की निगरानी के लिए इनके सेम्पल की नियमित जांच करायें। उन्होंने जिलों में जनसंख्या के अनुपात में लायसेंस एवं रजिस्ट्रेशन में वृद्धि करने के लिए विशेष प्रयास किए जाने के निर्देश भी दिए।

एफएसएसएआई ने जताई चिंता

प्रदेश में खाद्य पदार्थों में बड़े पैमाने पर हो रहे मिलावट को लेकर सरकार बेहद गंभीर है। दूध से लेकर फल, सब्जियों में भी प्रतिबंधित रसायनों का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है। जिसको लेकर भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) भी राज्य सरकार को पत्र लिखकर चिंता जाहिर कर चुका है। अब मिलावट रोकने के लिए प्रशासन माफिया पर तकनीकी तौर पर दक्ष होकर बुलडोजर चलाने की तैयारी में है। इसके लिए प्रदेश भर में तकनीक से दक्ष लैब चलाने की तैयारी हो चुकी है। ये लैब मिनटों में दूध एवं अन्य खाद्य पदार्थों के नमूनों की रिपोर्ट देंगी। खास बात यह है कि जांच कैमरों की निगरानी में होगी और जांच रिपोर्ट मुख्यालय भी पहुंचेगी। जिससे छेड़छाड़ की संभावना नहीं होगी। प्रदेश में खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच के लिए एफएसएसएआई ने तकनीक से लैस चलित प्रयोगशालाएं दी हैं। इनमें एडवांस्ड मिल्कोमीटर लगे हैं। जो दूध एवं दूध से बने खाद्य पदार्थों की जांच 3 मिनट में देंगे।
साथ ही पुराने चलित प्रयोगशालाओं को भी अपडेट किया जा रहा है। यह काम लगभग पूरा हो चुका है। जल्द ही राज्य शासन मिलावट को लेकर अभियान शुरू करने जा रही है यानी प्रदेश भर में ताबड़तोड़ कार्रवाई होगी।

चलित प्रयोगशालाओं में होगी जांच

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार खाद्य टीम एवं चलित प्रयोगशालाओं द्वारा साइकिल या बाइक से दूध बेचने वाले दूधियों को भी रोककर नमूनों की जांच की जाएगी। खास बात यह है कि नई तकनीक से दूध की जांच 3 मिनट में हो जाएगी। साथ ही डिजिटल रिपोर्ट भी मिलेगी। जांब रिपोर्ट स्वत: ही मुख्यालय के डिजिटल रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएगी। यानी बाद में छेडख़ानी की संभावना भी नहीं रहेगी। आमतौर पर खाद्य पदार्थों का नमूना लेकर जांच की जाती है, नई तकनीक के बाद ज्यादा खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच के लिए सैंपल की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। मौके पर ही वादी और प्रतिवादी की मौजूदगी में जांच हो जाएगी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार बड़े होटल एवं प्रतिष्ठानों में खाद्य पदार्थों में मिलावट की शंका होने पर ऑनलाइन शिकायत के बाद मौके पर ही जांच की जाएगी।