कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से ताल्लुक रखने वाले रौशीन हसन ने बेहद कम उम्र में साहित्य और संगीत की दुनिया में अपनी एक अलग और मजबूत पहचान बनाई है।
20 जून 2006 को कानपुर में जन्मे रौशीन, आज न सिर्फ एक उभरते हुए लेखक हैं, बल्कि एक स्वतंत्र संगीतकार के रूप में भी देश-विदेश के श्रोताओं के दिलों पर राज कर रहे हैं।
Likee ऐप से कलाकार बनने का सफर
रौशीन हसन ने अपने करियर की शुरुआत वीडियो क्रिएशन प्लेटफ़ॉर्म Likee App से की थी। वहाँ उन्होंने शायरी, म्यूजिक और मोटिवेशनल कंटेंट के जरिए लोगों का ध्यान खींचा। उनकी काबिलियत और अलग अंदाज़ ने उन्हें हजारों फॉलोअर्स दिलाए।
हालांकि बाद में Likee ऐप बंद हो गया, लेकिन रौशीन की रचनात्मकता और जुनून वहीं नहीं रुका।उन्होंने लेखन और संगीत के ज़रिए अपने सफर को और ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
लेखन की दुनिया में एक युवा सितारा
रौशीन हसन की लेखनी में सादगी, भावनात्मक गहराई और यथार्थ का अनूठा संगम दिखाई देता है। उन्होंने कई किताबें लिखी हैं, जो विशेष रूप से युवाओं के दिलों को छूती हैं। उनके चर्चित पुस्तकों में शामिल हैं।
Journal of Love, Meri Pehli Mohabbat- इन रचनाओं में प्रेम, जुदाई, आत्म-खोज और जिंदगी के सच्चे एहसासों को बेहद खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया है। हिंदी शायरी और भावनात्मक कथा शैली में उनका विशिष्ट दृष्टिकोण उन्हें आज की युवा पीढ़ी के सबसे प्रभावशाली लेखकों में से एक बनाता है।
संगीत में बसती आत्मा की आवाज़
रौशीन हसन एक मुस्लिम परिवार से आते हैं और उनकी रचनाओं में उनकी संस्कृति, संवेदनशीलता और जीवन के निजी अनुभवों की झलक साफ दिखाई देती है। वे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ लेखन और संगीत दोनों क्षेत्रों में बेहतरीन संतुलन बनाए रखते हैं।
एक कलाकार के रूप में वे आत्म-अनुशासन, समर्पण, और निरंतर सीखने की भावना के प्रतीक हैं।
उनकी यात्रा आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है कि अगर जुनून और मेहनत हो, तो उम्र कभी भी एक बाधा नहीं बनती।
रौशीन हसन की कहानी सिर्फ एक कलाकार की नहीं, बल्कि उस आत्मा की है जो शब्दों और सुरों के माध्यम से लोगों के दिलों तक पहुँचना चाहती है। उनकी सफलता, लगन, और जज़्बा आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है।