ग्वालियर से आगरा का सफर 90 मिनट में होगा तय, 6 लाइन हाइवे के लिये जमीन की जायेगी अधिग्रहण

स्वतंत्र समय, ग्वालियर

ग्वालियर से आगरा जाने के लिये करीब 3 घंटे का वक्त लगता है लेकिन आने वाले समय में इस यात्रा में लगने वाला वक्त ठीक आधा यानी की डेढ़ घंटे ;90 मिनटद्ध का हो जायेगा। इस वजह से ग्वालियर से आगरा के बीच वन रहा 6 लाइन हाइवे है। एक ओर जहां इससे आमजन को फायदा होगा तो वहीं दूसरी ओर से इस 6 लाइन हाइवे में मुरैना जिले के 100 से ज्यादा गांव से किसानों की जमीन भी अधिग्रहण की जा रही है। इसके लिये एनएएचई ने नोटिफिकेशन जारी करने भी शुरू करा दिये है।

मुरैना के 145 गांव और 45 हेक्टर जमीन का होगा अधिग्रहण

वर्तमान में ग्वालियर से आगरा जाने के लिये एनएच 44 का प्रयोग किया जाता है। जिस पर हैवी वाहनों का भी खासा दबाव रहता है। ऐसे में आये दिन हादसे भी होते रहते है। इसी संकट के समाधान के लिये शासन द्वारा ग्वालियर से आगरा तक 88 किमी लम्बा नया हाइवे बनाया जा रहा है। जो कि 6 लाइन के रूप में बनाया जायेगा। बड़ी बात यह है कि इसमें मुरैना जिले की ही 3 तहसीलों से करीब 145 गांव से 45 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा। जिसमें सरकारी व निजी जमीन शामिल है और इसके लिये शासन द्वारा नोटिफिकेशन भी शुरू कर दिये गये है।

120 से घटकर रह जायेगी 88 किलोमीटर की दूरी

जल्दी ही ग्वालियर से आगरा के लिए बनने वाला सिक्स लेन हाईवे लोगों के लिए खास लाभदायक साबित होगा। सबसे बड़ी बात तो एक तरफ जहां लोगों को सिक्सलेन का अनुभव लेने को मिलेगा। वहीं दूसरी तरफ ग्वालियर से आगरा की दूरी भी घट जाएगी। वर्तमान में यह दूरी लगभग 120 किलोमीटर आगे जाती है। जो कि सिक्स लेन तैयार होने के बाद महज 88 किलोमीटर रह जाएगी। जिससे एक तरफ जहां आगरा पहुंचने में समय कम लगेगा तो वहीं दूसरी तरफ अधिक सुविधायुक्त हाईवे होने से हादसों में भी खासी कमी आएगी और बड़े वाहनों के लिए एक सीधा मार्ग तैयार हो जाएगा। जिसका सीधा असर नेशनल हाईवे 44 पर भी पड़ेगा। जहां से भारी वाहनों का गुजरना कम हो जाएगा।

20 हजार वाहनों की क्षमता वाले हाईवे पर चल रहे 42 हजार वाहन

ग्वालियर से आगरा जाने के लिए एनएच 44 का प्रयोग निरंतर किया जाता है। जो कि एक फोरलेन हाईवे है। इसकी क्षमता 20000 वाहनों की हैए लेकिन तत्कालीन समय में यह संख्या काफी थी। लेकिन वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए अभी इस हाइवे से गुजरने वाले वाहनों की संख्या 42000 पैसेंजर कार यूनिट को भी पार कर गई है। जिसके कारण हाईवे पर रख रखाव को लेकर भी समस्याएं होने लगी है। निरंतर चलते वाहनों के चलते रखरखाव का कार्य भी समय पर नहीं हो पाता और यदि होता भी है तो लंबे.लंबे जाम की समस्या से लोगों को रूबरू होना पड़ता है। इतना ही नहीं हाईवे हादसों के लिए भी जाना जाने लगा है। यहां होने वाले हादसों की संख्या भी बहुत ज्यादा है।