बाजार लहूलुहान… ड्रैगन बना स्टॉक मार्केट का काल, 28 साल में कभी नहीं हुआ ऐसा

चीन का आर्थिक संकट अब भारतीय शेयर बाजार पर भारी पड़ रहा है। चीनी बाजार से निकलते हुए विदेशी निवेशकों (FPI) की बिकवाली भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बड़ी चिंता बन गई है। पिछले कुछ महीनों में एफपीआई द्वारा किए गए निवेश के मुकाबले ज्यादा बिकवाली ने भारतीय बाजार में गिरावट का कारण बना दिया है, और इसने भारतीय निवेशकों को एक बड़ा झटका दिया है। चीन का आर्थिक उभार भारतीय बाजार के लिए खतरे का सबब बन गया है, जहां बड़ी मात्रा में निवेश अब चीनी बाजार में हो रहा है।

एफपीआई की बिकवाली और चीन का कमबैक

चीन का बाजार कोविड के बाद से एक नकारात्मक रुख का सामना कर रहा था, जिसका फायदा भारतीय बाजार को मिला था। लेकिन हाल ही में चीन के बाजारों ने जबरदस्त वापसी की है और एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) का निवेश अब वहां अधिक आकर्षित हो रहा है। भारत में एफपीआई द्वारा किए गए निवेश में कमी और बिकवाली के बढ़ने के कारण भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आ रही है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि एफपीआई का पैसा अब चीनी बाजार में जा रहा है, और यूरोप के कई देशों ने भी एफपीआई को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए पहल की है।

कोविड के बाद भारत को मिला था फायदा, अब नरम पड़ी है भारतीय इकोनॉमी

कोविड-19 महामारी के बाद, जब चीन के बाजार में संकट था, तब भारत की इकोनॉमी और शेयर मार्केट में तेज ग्रोथ का रुझान देखा गया था। इसका फायदा भारतीय बाजार को मिला था, और एफपीआई ने भरपूर निवेश किया था। लेकिन अब, पिछले 5 महीनों में, एफपीआई ने निवेश से ज्यादा बिकवाली की है। इस बिकवाली का मुख्य कारण भारतीय इकोनॉमी की रफ्तार में आई नरमी है, जिससे बाजार में गिरावट आई है।

एफपीआई की बिकवाली से भारतीय बाजार में 3.11 लाख करोड़ की निकासी

अक्तूबर 2024 से लेकर फरवरी 2025 तक, एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार से 3.11 लाख करोड़ रुपए की निकासी की है। ये आंकड़े भारतीय स्टॉक एक्सचेंज के डेटा से सामने आए हैं। इस निकासी का असर भारतीय बाजार पर साफ दिखाई दे रहा है। हालांकि डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स (DII) जैसे म्यूचुअल फंड, एलआईसी, पीएफआरडीए ने इस गैप को भरने की भरपूर कोशिश की है, लेकिन एफपीआई की निकासी का आकार बहुत बड़ा है, जो भारतीय बाजार के लिए चुनौती बन गया है।

एफपीआई की बिकवाली से भारतीय शेयर बाजार में निराशा

एफपीआई की भारी बिकवाली ने भारतीय शेयर बाजार को एक बड़े झटके में डाल दिया है। इसमें से अधिकतर पैसा चीन के बाजार में जा रहा है, जिससे भारतीय शेयर बाजार की संभावनाओं पर खतरा मंडरा रहा है। हालांकि घरेलू निवेशक अब भी इस गिरावट को कम करने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन एफपीआई की निकासी के कारण भारतीय बाजार में दीर्घकालिक सुधार की संभावना कम नजर आ रही है।